नई दिल्ली। President election: भारत के 15वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए सोमवार को मतदान संपन्न हो गया। एनडीए ने एक तरफ अपना कुनबा इस चुनाव में मजबूत करके दिखाया है तो वहीं विपक्षी खेमे को क्रॉस वोटिंग का सामना करना पड़ा है।
दिल्ली से लेकर राज्यों की विधानसभाओं में सांसद और विधायकों ने वोट डाले। एक ओर जहां NDA की तरफ से झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू मैदान में हैं। वहीं, विपक्ष के साझा उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा हैं। सुबह के 10 बजे से शाम के 5 बजे तक वोट डाले गए। अब 21 जुलाई को परिणाम घोषित किए जाएंगे। 24 जुलाई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल खत्म हो रहा है। 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति शपथ लेंगे।
गुजरात से लेकर यूपी तक में एनसीपी, कांग्रेस और सपा में फूट देखने को मिली है। गुजरात में एनसीपी के विधायक कांधल एस. जडेजा ने पार्टी के रुख से अलग एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में वोट दिया। उन्हें लेकर पहले ही आशंका जताई जा रही थी कि वह पार्टी से अलग रुख अपना सकते हैं।
एनसीपी ने यशवंत सिन्हा के समर्थन का ऐलान किया था। इसके अलावा झारखंड से एनसीपी विधायक कमलेश सिंह ने भी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट डाल दिया। उन्होंने मतदान के बाद कहा कि मैंने अपनी अंतरात्मा के आवाज पर द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट डाला है।
यही नहीं गुजरात में भारतीय ट्राइबल पार्टी के नेता छोटूभाई वसावा ने भी द्रौपदी मुर्मू को ही वोट किया है। उन्होंने कहा कि मैंने ऐसी नेता को वोट दिया है, जिसने गरीबों को आगे बढ़ाने के लिए काम किया है। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को भी राष्ट्रपति चुनाव में फूट का सामना करना पड़ा है।
एक तरफ अखिलेश यादव के चाचा और प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने खुलेआम द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया है तो वहीं सपा के अपने ही विधायक शहजील इस्लाम ने भी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया है। बरेली के भोजीपुरा से पार्टी विधायक शहजील इस्लाम बीते कुछ वक्त से पार्टी से नाराज बताए जा रहे थे।