नई दिल्ली। शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले फिसलकर अब तक के सबसे निचले स्तर 79.11 रुपये पर चला गया है। माना जा रहा है कि विदेशी फंडों की ओर से लगातार बाजार से पैसे निकालने से निवेशकों के बीच मंदी की धारणा बढ़ने के कारण ऐसा हुआ है।
इंटर बैंक फॉरेन एक्सचेंज पर भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होकर 78.99 रुपये पर कारोबार कर रहा रहा था फिर अचानक फिसलते हुए 79.11 रुपये के अब के सबसे निचले स्तर पर चला गया है। इससे पहले गुरुवार को भारतीय रुपया 3 पैसे की गिरावट के साथ 79.06 रुपये के साथ बंद हुआ था। वहीं डॉलर इंडेक्स जो छह बड़ी करेंसीज की तुलना में डॉलर की मजबूती को मापता है इस इंडेक्स पर डॉलर 0.21 प्रतिशत की मजबूती के साथ 104.90 पर कारोबार कर रहा है।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स के हेड ऑफ ट्रेजरी अनिल कुमार भंसाली का कहना है कि भारतीय रुपया कमजोरी के साथ ही खुला है। बाजार में कहीं से भी फंड फ्लो या एशियाई मुद्राओं में मजबूती के संकेत नहीं मिल रहे हैं। ब्रेंड क्रूड ऑयल की कीमतें नीचे आ रही हैं या ब्याज दर बढ़ने के बीच सुस्त बने हुए हैं।
ग्लोबल ऑयल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 0.05 प्रतिशत बढ़कर 109.09 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। भारत के घरेलू बाजार की बात करें तो 30 शेयरों वाला सेंसेक्स लगभग 500 अंक नीचे तो वहीं 50 स्टॉक्स वाला निफ्टी लगभग 150 अंक नीचे कारोबार कर रहा है। बाजार में एफआईआई नेट सेलर बने हुए हैं। स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार गुरुवार को उन्होंने 1138.05 करोड़ रुपए के शेयरों की बिकवाली की है।