नई दिल्ली। पेरासिटामोल (Paracetamol) और आम इस्तेमाल वाली 15 अन्य दवाइयों को खरीदने के लिए अब डॉक्टर की पर्ची की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार इन दवाओं को ओवर द काउंटर (OTC) लिस्ट में डालने की तैयारी में है। यानी इन दवाओं को खरीदने के लिए डॉक्टर की पर्ची की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इनमें पेरासिटामोल के अलावा डायक्लोफेनेक (diclofenac), बंद नाक खोलने में काम आने वाली दवाएं (nasal decongestants) और एंटी-एलर्जिक (anti-allergics) दवाएं शामिल हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री ने ड्रग रूल्स 1945 में बदलाव के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी किया है ताकि इन दवाओं को कानून के शेड्यूल के (Schedule K) में शामिल किया जा सके। इससे रिटेलर इसे डॉक्टर की पर्ची के बिना बेच सकेंगे। इसका मकसद लोगों की आम इस्तेमाल वाली दवाओं की पहुंच को बढ़ावा देना है।
इन 16 दवाओं में एंटीसेप्टिक और डिसइंफेक्टेंट एजेंट, गिंगीवाइटिस के इलाज में काम आने वाला माउथवॉश क्लोरोहेक्साडाइन (Chlorohexidine), खांसी के इलाज में काम आने वाली दवा Dextromethorphan Hydrobromide Lozenges, एंटी बैक्टीरियल एक्नी फॉर्मुलेशन, एंटी फंगल क्रीम, बंद नाक खोलने में काम आने वाली दवा, एनलजेसिक क्रीम फॉर्मुलेशन और एंटी एलर्जी कैप्सूल शामिल हैं। प्रस्तावित बदलावों से इन दवाओं को डॉक्टर की पर्ची के बिना बेचा जा सकेगा और इन तक लोगों की पहुंच आसान होगी।
शर्तों के साथ बिक्री: हालांकि इन दवाओं की ओवर द काउंटर बिक्री की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी जाएगी। उदाहरण के लिए इलाज या इस्तेमाल की अधिकतम अवधि पांच दिन से अधिक नहीं होनी चाहिए। अगर इससे मरीज को आराम नहीं मिलता है तो उसे डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। हेल्थ मिनिस्ट्री ने इस बारे में स्टेकहोल्डर्स से एक महीने के भीतर सुझाव देने को कहा है। अभी दवा की दुकानों पर ऐसी कई दवाएं हैं जो डॉक्टर की पर्ची के बगैर मिल जाती है। लेकिन अभी ओटीसी दवाओं के लिए कोई कानून नहीं है।