सालासर बालाजी के तोड़े गए गेट का निर्माण अब गहलोत सरकार खुद करवा रही

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दौसा। राजस्थान के सुजानगढ़ कस्बे में ‘राम दरबार’ वाले प्रवेश द्वार को ढहाए जाने पर मचे बवाल के बाद आखिरकार अशोक गहलोत सरकार बैकफुट पर आ गई है। लोक निर्माण विभाग ने एक बार फिर से सालासर बालाजी मंदिर के गेट का निर्माण शुरू करवा दिया है।

राजस्थान के लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता बाबू लाल वर्मा ने कहा, ‘हमने गेट का निर्माण फिर से शुरू कर दिया है।’ उन्होंने कहा कि विभाग के ठेकेदार ने जिस गेट को तुड़वाया था, उसका निर्माण सालासर मंदिर प्रबंधन द्वारा किया गया था। सड़क को चौड़ा करने के लिए 18 मीटर जगह चाहिए होती है जबकि मौजूदा जगह 12 मीटर थी। तकनीकी पहलुओं के कारण गेट को ढहाने की आवश्यकता थी।

इससे पहले गेट के ध्वस्तीकरण को लेकर राजनीतिक गलियारों में सरगर्मियां बढ़ गई थीं। चुरू जिले में स्थित प्रसिद्ध सालासर मंदिर की ओर जाने वाले राजमार्ग को चौड़ा करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने इस गेट को ढहाया था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने राज्य की कांग्रेस सरकार की इस कार्रवाई की निंदा की थी जबकि कांग्रेस नेताओं का कहना था कि भाजपा एक गैर-मुद्दे को मुद्दा बना रही है।

विपक्ष गहलोत सरकार पर बरसा
सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी इस मामले में रविवार को ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था, ‘विकास के बहाने सालासर बालाजी के तोरण द्वार को तोड़ना और राम दरबार को ध्वस्त करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। क्या कांग्रेस सरकार का ये ही विकास है?’ इससे पहले भाजपा राजस्थान संगठन ने शनिवार को द्वार को ढहाए जाने का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया था, ‘सुजानगढ़ में गहलोत सरकार की “निशाचरी करतूत”! अंधेरी रात में भगवान राम और उनके दरबार की मूर्तियों पर गहलोत सरकार ने चलाया बुलडोजर।