जब आतंकी यासीन मलिक के दबाव में केंद्र सरकार ने घुटने टेके

0
603

मुंबई। फिलहाल देशभर में द कश्मीर फाइल्स(The Kahmir Files) फ़िल्म की चर्चा आम है। कश्मीरी पंडितों को तकलीफों को बयां करने वाली इस फ़िल्म में आतंकी यासीन मालिक(Terrorist Yasin Malik) से बाल ठाकरे तक मौजूद हैं। फ़िल्म में यह दिखाया गया है कि कैसे कश्मीरी पंडितों को घरबार छोड़कर पलायन करना पड़ा था। ऐसे एक मौके पर जब कश्मीरी पंडितों की तकलीफों का जिक्र करते हुए बाल ठाकरे तत्कालीन केंद्र सरकार(Central Government) और यासीन मलिक पर भड़क उठे थे।

इस फिल्म के प्रदर्शित होने के बाद एक बार फिर से आतंकी यासिन मलिक सुर्खियों में आ गया है। जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट(JKLF) का मुखिया यासीन फिलहाल टेरर फंडिंग के आरोप में जेल की सलाखों के भीतर है। हालांकि किसी जमाने में यासीन ने भारत सरकार को भी अपने सामने घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। उस समय भारत सरकार ने दबाव में आकर यासीन की मांगों को पूरा किया था। इसी किस्से को सुनाते हुए दिवंगत शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे(Bal Thackeray) ने जमकर यासीन मलिक और केंद्र सरकार पर भड़के थे।

जब यासीन के दबाव में आई केंद्र सरकार
बालासाहेब ठाकरे ने जम्मू कश्मीर स्थित हजरतबल मस्जिद का वह किस्सा बताया जब केंद्र सरकार को मजबूरन आतंकी यासीन की हर मांग को पूरा करना पड़ा था। दरअसल हजरतबल मस्जिद के पास खंदक(गढ्ढे) खोदे गए थे। उस दौरान वहां सेना को भी तैनात किया गया था। इस बात से नाराज यासीन ने आमरण अनशन शुरू कर दिया था। उसने सरकार से कहा था कि इन गड्ढों को खोदने से मस्जिद को नुकसान हो सकता है। लिहाजा इस काम को बंद किया जाए और यहां तैनात सेना को वापस बुलाया जाए। यासीन के अनशन से दबाव में आई सरकार ने कहा हम सेना वापस बुलाते हैं आप अनशन खत्म करिए। इस तरह एक आतंकी के सामने सरकार को झुकना पड़ा था।

यासीन ने महात्मा गांधी और बोस को बताया अपराधी
बालासाहेब ठाकरे ने कहा कि इस अनशन के बाद यासीन मलिक का एक चर्चित टीवी शो में इंटरव्यू भी लिया गया। इंटरव्यू में यासीन ने कहा कि अगर इस दुनिया में कोई सबसे बड़ा अपराधी या गुनहगार है तो वह महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस हैं। यासीन के इस वक्तव्य के बाद भी उस पर कहीं भी किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई। जबकि कोई नाथूराम गोडसे का नाम भी ले ले तो उसके खिलाफ मुकदमे दर्ज करा दिए जाते हैं। लेकिन यासीन मलिक के खिलाफ कोई भी आपराधिक कार्रवाई या मुकदमा दर्ज नहीं किया गयाम अगर केंद्र सरकार इस तरह से काम करेगी तो भ्रष्टाचार के अलावा देश में कुछ भी नहीं होगा।