नई दिल्ली। चीन और दक्षिण पूर्व एशिया के साथ-साथ यूरोप के कुछ देशों में कोविड-19 महामारी की नई लहर को देखते हुए भारत सरकार भी सतर्क हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के नाम चिट्ठी लिखकर उन्हें आगाह किया है।
चिट्ठी में भूषण ने कहा है कि किसी प्रदेश का शासन-प्रशासन यह सोचकर लापरवाह न हो जाए कि अब नए कोरोना केस की संख्या चिंताजनक नहीं है। भूषण ने अपनी चिट्ठी में सबको चौकन्ना रहते हुए पांच बातों का ख्याल रखने को कहा है। इनमें जांच करन, पता लगाना, इलाज करना, टीकाकरण करना और कोविड अनुकूल व्यवहार करना शामिल है।
पत्र के जरिए केंद्र ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को हिदायत दी है कि वो पर्याप्त मात्रा में सैंपल्स भेजते रहें ताकि वक्त रहते नए कोरोना वेरिएंट का पता चल सके। पत्र में कहा गया है कि पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया और यूरोप के कुछ देशों में कोरोना की नई लहर देखी जा रही है। इसी कारण से स्वास्थ्य मंत्री ने 16 मार्च को एक उच्च स्तरीय मीटिंग की थी जिसमें सुझाव दिया गया कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को जीनोम सिक्वेंसिंग पर जोर-शोर से काम करना चाहिए, साथ ही कोविड-19 के हालात पर पूरी नजर रखी जाए। मैं जोर देकर कहना चाहता हूं कि टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, वैक्सिनेशन और कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन किया जाए।
लोगों को भी सतर्क करते रहने की सलाह
केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्य सरकार लोगों को कोविड रोधी टीका लेने को प्रोत्साहित करते रहें। साथ ही, लोगों को फेस मास्क पहनते रहने, सार्वजनिक स्थलों या भीड़-भाड़ में एक-दूसरे से शारीरिक दूरी बरतने और साफ-सफाई पर ध्यान दें। चिट्ठी में कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते 25 फरवरी को प्रदेशों से आर्थिक गतिविधियां शुरू करने का सुझाव दिया था, वह चलता रहे लेकिन लापरवा नहीं हो।
चीन समेत कई देशों में बिगड़ रहे हालात
बता दें कि इस समय चीन समेत कई देशों में कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वेरिएंट की आई लहर लगातार तेज हो रही है। चीन के कई शहरों में कड़े लॉकडाउन लगाए जा रहे हैं। वहां ऐसी स्थिति आ गई है कि अगले दो हफ्तों को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एक्सपर्ट्स चेतावनी दे रहे हैं कि अगर इन दो हफ्तों में नई कोरोना लहर पर काबू नहीं पाया गया तो चीन में भयंकर तबाही मच सकती है। पड़ोसी देश होने के नाते भारत को अतिरिक्त सतर्कता बरतना स्वाभाविक है।