जयपुर। संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने रेप मामलों पर अमर्यादित टिप्पणी के बाद सदन में माफ़ी मांग ली है। बुधवार को राजस्थान विधानसभा में महिलाओं के प्रति अमर्यादित टिप्पणी को लेकर सदन से लेकर सड़क तक भारी हंगामा हुआ। गुरूवार को दर्जनों महिलाएं शांति धारीवाल के आवास पर पहुंच गई और जमकर नारेबाजी की।
विपक्ष द्वारा सदन में भारी हंगामा किया गया। साथ ही शांति धारीवाल से इस्तीफे की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष विपक्ष को शांत करने का प्रयास करते रहे, लेकिन प्रश्नकाल के दौरान हंगामा जारी रहा। आखिर 11 बजकर 17 मिनट पर स्पीकर को सदन की कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी। हालांकि शांति धारीवाल ने अपने बयान को ‘स्लिप ऑफ टंग’ बताते हुए माफी मांग ली थी लेकिन विपक्ष उनसे इस्तीफे की मांग पर अड़ गया।
विपक्षी सदस्यों ने किया हंगामा
सुबह 11 बजे सदन की कार्रवाई शुरू होते ही भाजपा और आरएलपी के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने प्रश्नकाल के बाद अपनी बात रखने की बात कही लेकिन विपक्ष नहीं माना। बाद में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया कहा कि राजस्थान दुष्कर्म के मामलों में पहले नम्बर पर है, यह आपने स्वीकार किया। लेकिन बाद में शांति धारीवाल द्वारा राजस्थान को मर्दों का प्रदेश बताते हुए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया गया, उनसे प्रदेश के उन मर्दों का अपमान हुआ जो देश के लिए लड़े और मरे। कटारिया ने कहा कि राजस्थान अपनी बहादूरी के कारण जाना जाता है, दु्ष्कर्म की वजह से नहीं। मंत्री जी के बयान से केवल नारी समाज का ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का अपमान किया है।
धारीवाल बोले- स्लिप ऑफ टंग
संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि -“पुलिस की अनुदान मांगों पर जबाव देने के दौरान मेरे मुंह से स्लिप ऑफ टंग की वजह से कुछ गलत शब्द निकल गए थे। जिसका अहसास होते ही, मैने अपने संबोधन के दौरान ही मेरे शब्दों को कार्रवाई से हटाने का अनुरोध सभापति से कर दिया था। मेरे मुंह से निकले ये शब्द स्लिप ऑफ टंग थे, जिसका मुझे बेहद खेद है। मैं व्यक्तिगत तौर पर महिलाओं का बेहद सम्मान करता हूं और करता रहूंगा। मेरे द्वारा कहे गए इन शब्दों से यदि किसी को ठेस लगी है तो उसके लिए में खेद प्रकट करता हूं और माफी मांगना चाहता हूं।”
विधानसभा में क्या कहा था धारीवाल ने
बुधवार 9 मार्च को राजस्थान विधानसभा में पुलिस और जेल की अनुदान मांगों पर चर्चा हुई थी। चर्चा के बाद जवाब देने के दौरान संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने स्वीकार किया कि राजस्थान दुष्कर्म के मामलों में देश में पहले स्थान पर है। इस दौरान उन्होंने दुष्कर्म के कारणों को गिनाने के दौरान यह भी कह दिया कि “राजस्थान वैसे भी मर्दों का प्रदेश है।” धारीवाल की इस शर्मनाक टिप्पणी के बाद सत्ता पक्ष के विधायक और मंत्री हंसते रहे। किसी ने टोका तक नहीं। इसी टिप्पणी के लेकर गुरूवार 10 मार्च को विपक्ष ने धारीवाल से इस्तीफे की मांग की। भारी हंगामें के चलते सदन की कार्रवाई को एक घंटे के लिए स्थगित करना पड़ा। इस दौरान विपक्ष के सदस्य सदन के अंदर ही धरने पर बैठ गए।