कोटा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के खाद की किल्लत नहीं होने देने के दावे झूठे साबित हो गए। राजस्थान में बिजली संकट के बाद अब डीएपी और खाद की किल्लत हो गई है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में खाद वितरण केंद्रों के बाहर किसानों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं।
इसके चलते अब राज्य में पुलिस सुरक्षा के बीच डीएपी बांटा जा रहा है। दरअसल सरकार समय पर खाद की आपूर्ति का ऑर्डर जारी नहीं कर पाई, इस वजह से किसानों के बीच खाद की मारामारी मची हुई है।
सबसे ज्यादा मारामारी बूंदी जिले के नैनवां कस्बे में देखने काे मिल रही है। यहां अलसुबह किसान खाद लेने के लिए चले जाते है, लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी खाद का एक कट्टा भी उपलब्ध नहीं हाे रहा। इससे किसानों काे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
किसान खाद वितरण केंद्रों पर लगातार चक्कर काट रहे हैं। किसानों ने बताया कि सुबह से शाम तक कतार में खड़े रहने के बाद भी सिर्फ 8-10 कट्टे ही खाद मिल रहा है, जबकि डिमांड 40-50 कट्टों की है।
किसान नेता दशरथ कुमार ने बताया कि संभाग में 11 लाख हैक्टेयर से अधिक बुआई हाेगी। इसमें रबी की गेहूं, चना की बुआई हाेगी। इस समय किसान काे बुआई के लिए डीएपी जरूरी है, जाे नहीं मिल रहा।
किसानों ने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष ने हाड़ौती के दौरे के दौरान कहा था कि डीएपी खाद की किल्लत नहीं होगी। इसके बावजूद किसानों को खाद के लिए भटकना पड़ा रहा है। सुबह 10 बजे से ही किसान डीएपी के लिए कतार में खड़े हाे जाते हैं। प्रत्येक किसान काे मात्र दस बैग ही डीएपी दिया जा रहा है। इसके साथ भी सिंगल सुपर फास्फेट के बैग दिए जा रहे हैं। अधिकारियों के आदेश के चलते डीलर जबरन एसएसपी दे रहे हैं। इससे किसानाें का डीएपी का खर्चा करीब 20 फीसदी बढ़ गया है।