राजस्थान की गहलोत सरकार का डीजल-पेट्रोल पर वैट कम करने से इंकार

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जयपुर। केंद्र सरकार के डीजल-पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसमें और कमी करने की मांग की है। गहलोत ने एक्साइज ड्यूटी घटने के अनुपात में अपने आप वैट कम होने के अलावा और ज्यादा वैट कम करने से इनकार कर दिया है।

सीएम अशोक गहलोत ने बयान जारी कर कहा कि केंद्र के एक्साइज ड्यूटी कम करने के साथ ही राज्यों का उसी अनुपात में वैट अपने आप ही कम हो जाता है। फिर भी हमारी मांग है कि महंगाई को कम करने के लिए केंद्र को और अधिक एक्साइज कम करनी चाहिए।

गहलोत ने कहा- केंद्र सरकार के एक्साइज ड्यूटी कम करने से राज्य का वैट अपने आप ही कम हो जाता है। केंद्र सरकार के पेट्रोल पर 5 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी कम करने से वैट की दर में पेट्रोल पर 1.8 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 2.6 रुपए प्रति लीटर की कमी होगी। इससे राज्य के वैट राजस्व में लगभग 1800 करोड़ सालाना का नुकसान होगा। इससे राज्य में पेट्रोल 6.80 रुपए प्रति लीटर और डीजल 12.60 रुपए प्रति लीटर सस्ता होगा।

राज्य को 1800 करोड़ सालाना का नुकसान:गहलोत ने कहा कि प्रदेश के हर जिले में जिला प्रशासन, ऑयल कंपनियों और पेट्रोल पंपों के सहयोग से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पेट्रोल-डीजल की दरों में कमी का लाभ सीधा आमजन को मिले। हम जानते हैं कि जितनी एक्साइज ड्यूटी केंद्र कम करेगा, उसी के अनुपात में अपने आप ही कम होता है।

केंद्र सरकार के कल के फैसले से 1800 करोड़ का राजस्व राज्य को कम मिलेगा। 29 जनवरी, 2021 को 2 प्रतिशत वैट राज्य सरकार ने कम किया था तो 1000 करोड़ की राजस्व की हानि हुई। इस प्रकार कुल 2800 करोड़ के राजस्व का नुकसान हर साल होगा।

पीएम और कम करें एक्साइज ड्यूटी
गहलोत ने कहा कि हम शुरू से ही केंद्र सरकार को एक्साइज ड्यूटी कम करने का आग्रह करते रहे हैं, जिससे आमजन को एक्साइज ड्यूटी और वैट में कमी का लाभ एक साथ मिल सके। मैं प्रधानमंत्री जी से आग्रह करूंगा कि एक्साइज ड्यूटी में और कमी करके महंगाई की मार झेल रही जनता को राहत दें। हमारी सरकार वैट राजस्व के नुकसान को जनहित में उठाने को तैयार है।