राजस्थान में त्योहारों पर 26.87 लाख MSME को राजस्व दोगुना करने का अवसर

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कोटा। सरकार द्वारा देश में और निर्यात के क्षेत्र में एमएसएमई सेक्टर को मजबूत करने के लिए चलाए जा रहे अनेक नीतिगत अभियानों से एमएसएमई सेक्टर का महत्व प्रदर्शित होता है। राजस्थान में देश की 26.87 लाख एमएसएमई हैं, राजस्थान सरकार विभिन्न योजनाओं द्वारा इस सेक्टर का सहयोग कर रही है। ताकि इस सेक्टर में काम करने वाले 6.33 लाख से ज्यादा लोगों की आजीविका में मदद हो सके।

भारत में ई-काॅमर्स बाजार ने देश में किए जाने वाले व्यवसाय में, खासकर पिछले 20 महीनों में परिवर्तन ला दिया है। इसने छोटे व्यवसायों को बड़ी संख्या में ग्राहकों तक पहुंचने, उत्पादन बढ़ाने और डिजिटल परिवर्तन को गति देने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करने में समर्थ बनाया। त्योहारों की शुरुआत और इसके साथ बढ़ने वाली सेल, व्यवसायों के आउटपुट को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इंडिया एसएमई फोरम (आईएसएफ) मुख्य बाजारों में ई-काॅमर्स के फायदों के बारे में छोटे सेलर्स को शिक्षित करने के लिए ब्रीफिंग सत्रों का आयोजन कर रहा है, ताकि वो महामारी के बाद की दुनिया में अपने व्यवसाय को पुनः स्थापित कर आगे बढ़ सकें। यह उन्हें बता रहा है कि वो एक्सपोर्ट के लिए पहले से स्थापित ग्लोबल सप्लाई चेन का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं, जो त्योहारों के मौसम में और ज्यादा तेज गति से काम कर रही है।

इस बारे में इंडिया एसएमई फोरम के प्रेसिडेंट, विनोद कुमार ने कहा, राजस्थान स्थानीय व्यवसायों एवं छोटे कारोबारियों पर निर्भर है, इसलिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स द्वारा प्रस्तुत अवसरों का इस्तेमाल कर एक मित्रवत वातावरण का विकास किया जाना बहुत आवश्यक हो गया है। इससे एमएसएमई सेक्टर की वृद्धि होगी। उपभोक्ताओं द्वारा घर पर सुरक्षित रूप से बैठकर शाॅपिंग करने को बढ़ावा मिलेगा एवं ग्लोबल एक्सपोर्ट व निवेश में भी योगदान मिलेगा।

अमेज़न इंडिया के डायरेक्टर ग्लोबल ट्रेड, अभिजीत कामरा ने बताया कि ई-काॅमर्स ने किस प्रकार हर आकार के एसएमबी के लिए एक्सपोर्ट में हिस्सा लेना आसान बना दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘एक परिवेश के रूप में हमें एक्सपोर्ट 2.0 का विज़न बनाना होगा। यह विज़न इंटरनेट की शक्ति, टेक्नाॅलाॅजी के एडाॅप्शन, मशीन लर्निंग एवं आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस के साथ काम करेगा।

यह विज़न भारत की लाखों एमएसएमई को विश्व के बाजार की पहुंच प्रदान करेगा। ग्लोबल सप्लाई चेन में उन्हें शामिल करेगा और उन्हें एक शक्तिशाली ग्लोबल ब्रांड स्थापित करने में मदद करेगा।’’ उन्होंने यह भी बताया कि अमेज़न 2025 तक भारत से 10 बिलियन डाॅलर का ई-काॅमर्स एक्सपोर्ट करने के अपने संकल्प को पूरा करने की ओर बढ़ रहा है।’’

हैंडीक्राफ्ट जैसे स्थानीय उद्योगों को ई-काॅमर्स के माध्यम से विदेशों में पहचान मिली है। खासकर त्योहारों के मौसम में उनकी मांग बढ़ जाती है। एक्सपोर्ट में यह वृद्धि देश एवं विदेशों के बाजारों में एमएसएमई को ज्यादा मजबूत, प्रतिस्पर्धी और दृढ़ बनाती है। यह न केवल आर्थिक वृद्धि संभव बनाती है, बल्कि रोजगार की क्षमता और राष्ट्रीय उत्पादों की मांग भी सकारात्मक रूप से बढ़ाती है। यह अंतर्राष्ट्रीय पहचान देश को बहुमूल्य विदेशी राजस्व प्रदान करती है और छोटे व्यवसाय के मालिकों को विश्व के बाजार में पहुंचकर अपना ग्राहक वर्ग स्थापित करने का अवसर देती है।

एडिशनल डायरेक्टर वाई. एन. माथुर ने कहा, राजस्थान सरकार पहले एक साल एमएसएमई को ऑन बोर्डिंग के शुल्क एवं कमीशन में रियायत देकर ई-मार्केटिंग में एमएसएमई की मदद कर रही है। सरकार अमेज़न जैसे ऑनलाइन मार्केटप्लेसेस के साथ एमओयू पर दस्तखत करने की योजना भी बना रही है, ताकि छोटे व्यवसायों को सुगमता से ऑनलाइन सेल शुरू करने का अवसर मिल सके।

विभिन्न सेक्टर्स में छोटे सेलर्स ने त्योहारों के दौरान खरीद के प्रति एक मजबूत सकारात्मक रूझान पर रोशनी डाली। मणिशंकर ऑयल्स के डायरेक्टर, मनोज मुरारका ने कहा कि एमएसएमई को ब्रांडिंग पर ध्यान केंद्रित कर कम लाभ एवं उच्च वाॅल्यूम के लिए काम करना चाहिए, ताकि त्योहारों पर दीर्घकालिक ग्राहक आकर्षित हो सकें।