नई दिल्ली। सरकार ने आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) का कार्यकाल 3 साल के लिए बढ़ा दिया है। अब वह 2024 तक केंद्रीय बैंक के गवर्नर बने रहेंगे। दास को दिसंबर 2018 में उर्जित पटेल की जगह आरबीआई का गवर्नर बनाया गया था। केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने दास को 10 दिसंबर, 2021 से फिर से 3 साल के लिए आरबीआई का गवर्नर नियुक्त करने के फैसले पर मुहर लगा दी है।
6 फरवरी 1957 को जन्मे शक्तिकांत दास इतिहास में एम.ए हैं और तमिलनाडु कैडर के IAS अधिकारी हैं। वह वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स में जॉइंट सेक्रेटरी बजट, तमिलनाडु सरकार के राजस्व विभाग में कमिश्नर और स्पेशल कमिश्नर, तमिलनाडु के इंडस्ट्रीज डिपार्टमेंट में सेक्रेटरी और अन्य विभिन्न पदों पर रह चुके हैं। वह मई 2017 तक इकनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी थे। पटेल के आरबीआई गवर्नर का पद छोड़ने के बाद उन्हें आनन-फानन में आरबीआई गवर्नर बनाया गया था।
नीतिगत दरें रेकॉर्ड लो लेवल पर
दास को एक ऐसे व्यक्ति के तौर पर जाना जाता है, जो जटिल मुद्दों पर आम सहमति बनाने में विश्वास रखते हैं। दास के कार्यकाल में आरबीआई ने नीतिगत ब्याज दरों में काफी कमी की है और अभी ये रेकॉर्ड लो स्तर पर हैं। RBI कानून के तहत सरकार केंद्रीय बैंक के गवर्नर की नियुक्ति करती है। RBI गवर्नर का कार्यकाल 5 साल से ज्यादा नहीं हो सकता है। लेकिन, सरकार चाहे तो किसी व्यक्ति को लगातार दूसरी बार RBI गवर्नर नियुक्त कर सकती है।