महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में नई फसल की आवक बढ़ने से आयातित एवं देसी उड़द मंदी

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नई दिल्ली। विदेश से लगातार आवक बनी रहने के साथ ही महाराष्ट्र और कर्नाटक में नई उड़द की आवक बनने से दाल मिलों की मांग कमजोर रही जिससे शुक्रवार को चेन्नई, दिल्ली और कोलकाता के बाजारों में बर्मा उड़द की कीमतों में 50 से 125 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई।

नई खरीफ की उड़द की आवक बढ़ने एवं मिलों की मांग कमजोर होने से अहमदनगर, बरसी, दुधानी, जालना, लातूर और सोलापुर मंडियों में क्वालिटीनुसार भाव में लगातार चौथे दिन 50-200 रुपये प्रति क्विटल की गिरावट दर्ज की गई।

महाराष्ट्र एवं कर्नाटक की कुछ प्रमुख मंडियों में नई उड़द की आवकों में तेजी आई है। हालांकि नई उड़द में नमी की मात्रा ज्यादा आ रही है, साथ ही कटाई के समय में बारिश होने से फसल की क्वालिटी पर असर पड़ा है।

इसी तरह, महाराष्ट्र लाईन की नई उड़द गुंटूर बाजार में 100 रुपये की गिरावट के साथ 7,600 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिकी। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से ललितपुर मंडी में पुरानी देसी उड़द में क्वालिटीनुसार 100 रुपये की तेजी आकर भाव 6,000 से 7,000 रुपये प्रति क्विटल हो गए।

दूसरी ओर, स्थानीय मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण जलगांव, कटनी, छतरपुर, वेरावल, जोधपुर, केकड़ी, गुंटूर और विजयवाड़ा मंडियों में क्वालिटीनुसार पुरानी उड़द के भाव 50-200 रुपये प्रति क्विटल घट गए।

बर्मा में उड़द एफएक्यू-एसक्यू की कीमतें स्थिर बनी रही। जानकारों के अनुसार आगे भारतीय आयातकों की मांग अरहर और उड़द में बढ़ने की उम्मीद है। बर्मा में 15 दिनों के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया है, जोकि 22 अगस्त को समाप्त हुआ था, इसलिए स्थानीय बाजार में व्यापारिक गतिविधियां कमजोर ही हैं, हालांकि बैंकिंग लेनदेन शुरू गया है, तथा बंदरगाह पर लोडिंग आदि का नियमित संचालन हो रहा है।