नई दिल्ली। खरीफ फसलों के रकबे में पिछले साल के मुकाबले 10 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कृषि मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक देश में खरीफ फसलों की बोआई शुक्रवार तक कुल 966 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है। पिछले साल के समान सप्ताह में खरीफ फसलों का रकबा 878 लाख हेक्टेयर का था।
खरीफ फसलों के रकबे में इसी तरह से बढ़ोतरी जारी रही, तो यह एक नया रिकॉर्ड भी बना सकती है। खेती-किसानी की भाषा में रकबा उस क्षेत्र को कहा जाता है, जितने में किसी फसल की बोआई या रोपाई की जाती है। वहीं, 10,000 वर्ग मीटर या करीब 1,07,639 वर्ग फुट क्षेत्र को एक हेक्टेयर कहा जाता है।
मुख्य खरीफ फसलों के बोआई क्षेत्र में बढ़ोतरी
फसल | रकबा 19-20 (लाख हेक्टे.) | रकबा 2020-21 (लाख हेक्टेयर) | बढ़ोतरी(%) |
चावल | 274.19 | 321.79 | 17.36 |
दलहन | 114.77 | 119.59 | 4.20 |
मोटे अनाज | 154.77 | 160.43 | 3.66 |
तिलहन | 156.88 | 181.20 | 15.50 |
गन्ना | 51.33 | 51.95 | 1.21 |
कपास | 118.73 | 123.64 | 4.13 |
बोआई के सामान्य आंकड़े
खरीफ सीजन खत्म होने में करीब दो महीने बाकी हैं। सोयाबीन, कपास, मक्का और मूंगफली जैसे कई फसलों ने बोआई के सामान्य आंकड़े को अभी ही पार कर लिया है। शुक्रवार तक के आंकड़े के मुताबिक धान का रकबा सबसे ज्यादा 17.36% बढ़ा है। इसके बाद तिलहन का रकबा पिछले साल के मुकाबले 15.50% बढ़ा। कपास का रकबा 123.64 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जबकि इसका नॉर्मल एरिया 121 लाख हेक्टेयर का है। मूंगफली की बोआई 41.41 लाख हेक्टेयर के नॉर्मल एरिया के मुकाबले 47.29 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हो चुकी है।
देश में अब तक औसत से कम बारिश
गुरुवार तक पूरे देश में 505.7 मिलीमीटर बारिश हुई है। जबकि इस अवधि का औसत 507.3 मिलीमीटर है। देशभर में सेंट्र्रल वाटर कमीशन की निगरानी वाले 123 जलाशयों में कुल जल संग्रह पिछले साल के समान सप्ताह के मुकाबले 8 फीसदी ज्यादा है।