सरकार व्यापार व उद्योग के तीन माह के बिजली-पानी के बिल माफ करे: व्यापार महासंघ

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व्यापार महासंघ ने स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल से भेंटकर लॉक डाउन से व्यापार एवं उद्योग जगत को हुए नुकसान से अवगत कराया।

कोटा। कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेेश्वरी ने स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल से भेटकर शहर में कोरोना वायरस से बचाव के लिए पिछले दो माह से लॉकडाउन के चलते व्यापार एवं उद्योग जगत पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव से अवगत कराया। साथ ही उन्होने हालात सामान्य नहीं होने तक किसी भी तरह के टैक्स नहीं वसूलने और 3 माह के बिजली एवं पानी के बिल माफ करने की मांग की।

उन्होंने कहा कि दो महीने से चल रहे लॉकडाउन के कारण व्यापार एवं उद्योग में अस्थिरता आ गई है। जब तक केंद्र एवं राज्य सरकार राहत के ठोस कदम नहीं उठाएगी, तब तक पटरी पर लाना असंभव है। ऐसा कोई भी सेक्टर इससे अछूता नहीं रहा, जो इसके कारण बर्बादी के कगार पर नहीं खड़ा हुआ हो।

उन्होंने बताया कि कोचिंग, हॉस्टल, पर्यटन, होटल, रेस्टोरेंट, मैरिज गार्डन,रिसोर्ट, लाइट डेकोरेशन, केटरिंग हलवाई, फोटोग्राफर, बुक सेलर्स, प्रिंटिंग प्रेस, छोटे-मोटे ढाबे, रियल स्टेट जैसे व्यवसाय तो पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं। व्यापारियों के साथ साथ इनसे जुड़े सभी कर्मचारी एवं श्रमिकों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

उन्होंने बताया कि साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स, बिल्डिंग मेटेरियल, सेनेटरी, पेन्ट्स, रेडीमेड कपड़ा, जनरल, गुटखा, पान, हार्डवेयर, ऑटोमोबाइल, ब्यूटी पार्लर, सेलुन, ठेलो पर खाद्य सामान बेचने वाले तो पूरी तरह से जीरो हो चुके हैं। लाखों लोग कर्जे में डूब चुके हैं। हॉस्टल संचालकों का तो और भी बुरा हाल है। कोचिंग विद्यार्थी यहां से गए तो उन छात्रों ने न तो किराया दिया, न हीं बिजली की राशि चुकाई है। अब हालात यह है कि हॉस्टल संचालक बिजली, पानी के बिल भी जमा नही करा पा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि यही हालात उद्योग जगत के है, जो दो माह से उत्पादन ठप होने के बाद अब श्रमिको एवं मजदूरों के पलायन से पूरी तरह से समाप्त होने की पोजीशन में आ गया है। इन सभी हालातों को देखते हुए आशा जगी थी कि केंद्र एवं राज्य सरकार कुछ राहत देकर इन सेक्टरों को बचाएगी, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा दिए गए 20 लाख करोड़ रुपए के राहत बजट में व्यापारियों उद्यमियों के लिए कोई राहत नहीं है।

महासचिव अशोक माहेश्वरी ने बताया कि पिछले 2 माह से लॉक डाउन के तहत सभी व्यापारी-उद्यमी एवं आमजन बेरोजगारी के दंश से परेशान हैं। व्यापारियों की दुकानें 2 माह से पूर्णतया बन्द है और उद्योग धन्धे भी बन्द है सभी बेरोजगार बैठे हुए हैं। उन्हें अपना घर चलाना भी मुश्किल हो गया है। व्यापारी एवं आमजन बिजली-पानी के बिल कहां से जमा कराएगा।

3 माह के बिजली एवं पानी के बिल माफ हों
उन्होंने राज्य सरकार से 3 माह के बिजली एवं पानी के बिल माफ करनें की मांग की। उन्होंने बताया कि नगर निगम कोटा द्वारा आम जनता एवं व्यापारियों को यूडी टैक्स के नोटिस भेजकर वसूली करने का प्रयास किया जा रहा है। जो ऐसे समय बिल्कुल भी न्यायोचित नहीं है। उन्होने राज्य सरकार से यह भी मांग की कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते तब तक किसी भी तरह के टैक्स नहीं वसूले जाएं।

सरकार हालातों का जायजा ले रही है
स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने व्यापार महासंघ को बताया कि राज्य सरकार पूरी वास्तविक स्थिति का जायजा ले रही है। उन्होंने कहा कि सभी सेक्टरों को भारी नुकसान हुआ है। इसके लिए सभी को आपसी सहयोग और सामंजस्य बिठाकर कोरोना एवं लॉक डाउन की स्थिति से निपटना होगा। खासकर कोटा की आर्थिक धुरी कोचिंग संस्थान और होस्टल व्यवसाय से जुड़ी होने के कारण और इनके बंद होने से शहर के लिए बहुत बड़ा आघात है।

28 मई को धारीवाल लेंगे बैठक
उन्होंने कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी को कहा कि कोटा के व्यापार एवं उद्योग जगत के सभी सेक्टरो मे अहम भूमिका रखने वाले प्रमुख व्यापारियों एवं उद्यमियों के साथ 28 मई को एक बैठक का आयोजन किया जाएगा। जिसमें कोटा के व्यापार एवं उद्योग जगत के सभी सेक्टरो की समस्याओं और उनके निराकरण पर विचार विमर्श किया जाएगा।