सभी कंपनियां अपने कर्मचारियों को मेडिक्लेम की सुविधा दे, इरडा के आदेश

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नई दिल्ली। कोरोनावायरस जैसी बीमारियों से निपटने में लोगों को आर्थिक रूप से परेशानी का सामना न करना पड़े, इसे देखते हुए सरकार ने लॉकडाउन के बाद कामकाज शुरू करने वाली सभी कंपनियों के लिए कर्मचारियों को मेडिकल इंश्‍योरेंस देना जरूरी कर दिया है। अब हर कंपनी को अपने कर्मचारियों को आवश्‍यक रूप से मेडिकल इंश्‍योरेंस देना होगा।

पहले संस्‍थानों को अपने कर्मचारियों को हेल्‍थ इंश्‍योरेंस कवर उपलब्‍ध कराना अन‍िवार्य नहीं था। कॉरपोरेट ग्रुप इंश्‍योरेंस पॉलिसी मुख्‍य रूप से कर्मचारी के अस्‍पताल में भर्ती होने के खर्च को कवर करती है। इसमें उसके जीवनसाथी या माता-पिता को भी कवर किया जाता है। इसके चलते बीमारी या दुर्घटना में घायल होने पर इलाज का खर्च इंश्योरेंस कंपनी उठाएगी।

स्‍टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर अपनाना जरूरी
बीमा नियामक इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (इरडा) ने इस बारे में सर्कुलर जारी कर कहा है कि सभी औद्योगिक और कमर्शियल प्रतिष्‍ठानों, दफ्तरों और फैक्ट्रियों को कामकाज शुरू करने से पहले स्‍टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) को अपनाना होगा।

सोशल डिस्‍टेंसिंग के नियमों का पालन करने के साथ उन्‍हें सभी कर्मचारियों को मेडिकल इंश्‍योरेंस पॉलिसी देना अनिवार्य है। सर्कुलर में इरडा ने बीमा कंपनियों से व्यापक हेल्‍थ पॉलिसी मुहैया कराने का सुझाव दिया है।

इरडा ने कहा कि संस्‍थानों को मेडिकल इंश्‍योरेंस पॉलिसी केवल ताजा स्थितियों को देखते हुए ही नहीं देनी चाहिए बल्कि हमेशा के लिए यह व्‍यवस्‍था करनी चाहिए। उसने इंश्‍योरेंस कंपनियों को हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसी को इस तरह बनाने के लिए कहा जिससे छोटे उद्यमों के बजट में भी इन्‍हें ले पाना संभव हो।

ESI से कवर कर्मचारियों को भी होगा फायदा
श्रम कानून के अनुसार, कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम (ईएसआई) अधिनियम, 1948 के तहत संगठित क्षेत्र के उन कर्मचारियों को मेडिकल इंश्‍योरेंस उपलब्‍ध कराया जाता है जिनकी मासिक सैलरी 21,000 रुपए या इससे कम है। ईएसआई के तहत बीमित व्‍यक्ति को भी अब कंपनी की ग्रुप हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसी का अतिरिक्‍त बेनिफिट मिलेगा।