नई दिल्ली। कोरोनावायरस के कारण देश में छाई आर्थिक मंदी को देखते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक (reserve bank of India) ने कर्जदाताओं को अगले तीन महीनों के लिए अपने घर या ऑटो ऋण पर EMI का भुगतान नहीं करने की सहूलियत दी है। अगर आप भी अगले 3 महीने तक EMI न देने का विचार कर रहे हैं तो आपको अपने बकाया ऋण पर अधिक ब्याज देना होगा।
देना होगा ज्यादा ब्याज
विश्लेषकों और विशेषज्ञों का कहना है कि इसका लाभ लेने वाले ग्राहकों की तीन किस्त तो बढ़ ही जाएगी, इन तीन महीनों की अवधि का अतिरिक्त ब्याज भी देना होगा। जो आपसे 3 महीने के प्रतिबंध के अंत में आपकी EMI में जोड़ा जाएगा। इससे आपकी ईएमआई बढ़ जाएगी। यदि आप 1000 रुपए ईएमआई का भुगतान कर रहे हैं और बैंक 10 प्रतिशत की दर से ब्याज ले रहा है। तो आपको 3 महीना बाद अपनी इन तीनों ईएमआई पर 25-25 रुपए ज्यादा देने होंगे। यह अतिरिक्त ब्याज आपकी भविष्य की सभी ईएमआई में जोड़ा जा सकता है।
बैंक ग्राहकों को बताए कैसे वसूलेगा ब्याज?
एक वित्तीय क्षेत्र के विश्लेषक का कहना है कि “क्या ग्राहकों को इस अतिरिक्त ब्याज का भुगतान एक साथ करना होगा या इसे अतिरिक्त ईएमआई के रूप में समायोजित करने की अनुमति दी जानी चाहिए। ये बात बैंक को बतानी चाहिए।”
क्या है सरकार की घोषणा?
आरबीआई ने टर्म लोन की किश्त चुकाने में तीन महीने की छूट दी है। सभी कमर्शियल, रीजनल, रूरल, एनबीएफसी और स्मॉल फाइनेंस बैंकों को सभी तरह के टर्म लोन की ईएमआई वसूलने से रोक दिया गया है। ग्राहक खुद चाहें तो भुगतान कर सकते हैं, बैंक दबाव नहीं डालेंगे। क्रेडिट कार्ड के बकाया भुगतान पर भी तीन महीने की छूट लागू होगी। इसके तहत अगले तीन महीने तक ऐसे किसी भी व्यक्ति के खाते से किश्त नहीं कटेगी, जिन्होंने कर्ज ले रखा है। इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर भी असर नहीं पड़ेगा।
डिफॉल्ट नहीं माना जाएगा?
तीन महीने तक लोन की किश्त नहीं चुका पाएंगे तो इसे डिफॉल्ट नहीं माना जाएगा। तीन महीने की अवधि के बाद आपकी ईएमआई दोबारा शुरू हो जाएंगी। हालांकि, इसके ये मायने नहीं हैं कि बकाया कभी चुकाना ही नहीं होगा, मोहलत सिर्फ तीन महीने की है। बस तीन महीने टाल सकते हैं, बाद में पेमेंट करना होगा। यह कदम इस मकसद से उठाया गया है कि लॉकडाउन की वजह से जिनके पास वाकई नकदी की कमी होती है तो उन्हें कर्ज के भुगतान में कुछ समय मिल जाए।