मन की बात/ कोरोना से सुरक्षा के लिए लॉक डाउन जरूरी था, मोदी ने कहा

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    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में देश से मुखातिब हुए। मन की बात कार्यक्रम का यह 63वां संस्करण है। मोदी ने कहा- आमतौर पर मन की बात में कई विषयों को लेकर आता हूं। आज दुनियाभर में कोरोना संकट की चर्चा है। ऐसे में दूसरी बातें करना उचित नहीं होगा। कुछ ऐसे फैसले लेने पड़े हैं, जिनसे गरीबों को परेशानी हुई। सभी लोगों से क्षमा मांगता हूं। मैं आप सबकी परेशानी को समझता हूं, लेकिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इसके सिवाय कोई चारा नहीं था।

    किसी का ऐसा करने का मन नहीं करता, लेकिन मुझे आपके परिवार को सुरक्षित रखना है। इसलिए दोबारा क्षमा मांगता हूं। 24 मार्च को मोदी ने देश के नाम संबोधन में 21 दिन (14 अप्रैल) तक पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान किया था। 22 मार्च को मोदी की अपील पर देशभर में जनता कर्फ्यू था, लेकिन शाम को कई स्थानों पर लोग सड़कों पर देखे गए थे।

    धैर्य दिखाएं, लॉकडाउन का पालन करें
    प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां कहा गया है कि बीमारे से पहले ही इसके उपाय कर लेने चाहिए। कोरोना का इंसान को खत्म करने की जिद पर अड़ा है। इसलिए सब लोगों को एकजुट होकर लॉकडाउन का पालन करने का संकल्प लेना होगा। लॉकडाउन में धैर्य दिखाना ही है। कुछ लोग कोरोना गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं। लेकिन मैं कहता हूं कि इस गलतफहमी में न रहें, कई देश बर्बाद हो गए। कोरोना से लड़ाई में कई योद्धा ऐसे हैं, जो अमूल्य योगदान दे रहे हैं।

    फाइटर्स अपनी कहानियां शेयर करें
    कोरोना फाइटर्स से बात करके मुझे भी प्रेरणा ली। कोरोना से ठीक हुए राम कुमार ने बताया कि मैं आईटी कंपनी में काम करता हूं। पिछले दिनों दुबई गया था, वहां से लौटा तो संक्रमण का पता चला। हॉस्पिटल में कुछ दिन तो मुझे बहुत अजीब लगा। डॉक्टरों और नर्स ने मुझे दिन में 2 से 3 बात कर ठीक होने का भरोसा दिया। परिवार को जब पता चला तब मैं क्वारैंटाइन में था। अब दिनभर अपने अलग कमरे में रहता हूं। मोदी ने राम से कहा कि आपको अपने अनुभव का ऑडियो बनाकर इंटरनेट पर डालें, ताकि लोग प्रेरणा ले सकें।

    संक्रमण चक्र तोड़ना होगा’
    24 मार्च को मोदी ने कहा था, “हिंदुस्तान को बचाने के लिए 21 दिन का यह लॉकडाउन बेहद जरूरी है। यह जनता कर्फ्यू से ज्यादा सख्त होगा और यह एक तरह से कर्फ्यू ही है। बाहर निकलना क्या होता है, यह 21 दिन के लिए भूल जाइए। 21 दिन नहीं संभले तो आपका देश और आपका परिवार 21 साल पीछे चला जाएगा। कोरोना से मुकाबले के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है। हमें संक्रमण के चक्र को तोड़ना होगा। कोरोना से तभी बचा जा सकता है, जब घर की लक्ष्मण रेखा ना लांघी जाए।” ऐलान के एक दिन बाद यानी 25 मार्च को मोदी ने एक ट्वीट किया। “मुझे अपनी ‘बाल सेना’ पर पूरा विश्वास है। वे इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि लोग अपने घरों में रहें, ताकि COVID-19 के खिलाफ भारत प्रभावी तरीके से लड़ सके।” पीएम ने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी शेयर किया। इसमें एक बच्ची अपने पिता को घर से बाहर जाने से रोकती है।