नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शनिवार यानी 14 मार्च को गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की 39वीं बैठक हुई, जिसमें मोबाइल फोन पर लगने वाली जीएसटी की दर को 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया है। साथ ही मोबाइल के खास पार्ट्स पर लगने वाली जीएसटी दर को भी बढ़ाकर 12 से 18 फीसदी कर दिया है। सरकार के इस फैसले से मोबाइल फोन खरीदना 6 फीसदी तक महंगा हो जाएगा। जीएसटी की ये नई दरें 1 अप्रैल 2020 से लागू होंगी।
इतनी बढ़ जाएगी कीमत
मतलब 20 हजार रुपए की कीमत वाले स्मार्टफोन को 1200 के मुकाबले 3600 रुपए देने होंगे। वहीं 40 हजार रुपए की कीमत वाले स्मार्टफोन को 4800 रुपए के मुकाबले 7200 रुपए देने होंगे, जबकि 60 हजार रुपए वाले स्मार्टफोन के लिए 7200 रुपए जगह 10,800 रुपए जीएसटी के तौर पर देने होंगे।
मोबाइल फोन (कीमत) | 12 फीसदी जीएसटी दर (पुरानी) | 18 फीसदी जीएसटी दर (नई) |
20,000 रुपए | 2400 रुपए | 3600 रुपए |
40,000 रुपए | 4800 रुपए | 7200 रुपए |
60,000 रुपए | 7200 रुपए | 10,800 रुपए |
जीएसटी काउंसिल के अन्य फैसले
- मशीन और हाथ से बनने वाली माचिस पर 12 फीसदी की एक समान दर से जीएसटी लगेगा
- एयरक्राफ्ट की मेंटेनेंस पर 18 फीसदी की जगह पर 5 फीसदी जीएसटी लगेगा।
- 1 जुलाई से जीएसटी भुगतान में देरी पर नेट टैक्स लायबिलिटी पर 1 फीसदी की दर से ब्याज लगेगा।
- दो करोड़ से कम सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों को वित्त वर्ष 18 और वित्त वर्ष 19 का वार्षिक रिर्टन दाखिल करने पर लेट फी नहीं देनी होगी।
- जीएसटीआर-9सी (GSTR-9C) की डेडलाइन को बढ़ाकर सरकार ने छोटे कारोबारियों को थोड़ी राहत देने का काम जरूर किया है।
- सालाना 5 करोड़ से कम टर्नओवर वालों को सालाना रिटर्न फाइलिंग की अंतिम तारीख को बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दिया गया है।
मोबाइल फोन इंडस्ट्री पर दोहरी मार
कोरोना वायरस के चलते मोबाइल पार्ट्स सप्लाई न होने से संकट के दौर से जूझ रही मोबाइल इंडस्ट्री के लिए जीएसटी दर को बढ़ाए जाने का फैसला दोहरा झटका साबित होगा। चीन से पार्ट्स सप्लाई ने होने की वजह से शाओमी समेत कई कंपनियों ने मोबाइल हैंडसेट की कीमतें पहले ही बढ़ा दी हैं। ऐसे में जीएसटी दर में बढ़ोतरी होने से मोबाइल इंडस्ट्री के साथ ग्राहकों की मुसीबत बढ़ सकती है।