नई दिल्ली। लोकसभा में गुरुवार को राजस्थान से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सांसद हनुमान बेनीवाल के गांधी परिवार के बारे में एक विवादास्पद बयान पर उनके निलंबन की मांग और दिल्ली हिंसा मुद्दे पर जल्द ही चर्चा कराने की मांग को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों ने भारी हंगामा किया और सदन का अनादर करने के कारण सात सदस्यों को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है।
बेनीवाल पर क्या बोली कांग्रेस
इस मसले पर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि ये शर्म की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मानसिक संतुलन खो चुके बेनीवाल को यूज कर रहे हैं। बेनीवाल ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के लिए बेहद शर्मनाक शब्दों का प्रयोग किया है। इन शब्दों की कांग्रेस कड़े शब्दों में निंदा करती है।
लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने कांग्रेस के सात लोकसभा सदस्यों को सदन का अपमान करने और घोर कदाचार के चलते मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया है। दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर हंगामे के कारण निचले सदन में पिछले चार दिनों से कोई खास कामकाज नहीं हो नहीं सका है।
इसके चलते गुरुवार को भी प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं चल सका। दोपहर दो बजे बैठक फिर शुरू होने पर पीठासीन सभापति रमा देवी ने जैसे कार्यवाही शुरू करने को कहा, वैसे ही कांग्रेस सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। कुछ कांग्रेस सदस्यों ने आसन से कुछ कागजात लेकर नीचे फेंक दिए। इस वजह से सदन की कार्यवाही दो बजकर करीब पांच मिनट पर तीन बजे के लिए स्थगित कर दी गई।
इसलिए किया कांग्रेस के 7 सांसदों को किया निलंबित
लोकससभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कांग्रेस के सात सांसदों को सदन से इस सत्र के लिये निलंबित कर दिया गया है। संसद में हंगामा और धक्का-मुक्की से नाराज लोकसभा स्पीकर ने इन सात सांसदों के खिलाफ कड़ा फैसला लिया। दोनों सदनों में विपक्ष के दिल्ली हिंसा पर हंगामे की वजह से सदन नहीं चल पा रहा है। जिन लोगों को सस्पेंड किया गया है वे स्पीकर की कुर्सी के बेहद करीब आकर नारेबाजी कर रहे थे और पोस्टर दिखा रहे थे।
कांग्रेस के जिन सांसदों को सस्पेंड किया गया है उसमें गौरव गोगोई, टीएन प्रतापन, डीन कुरीकोस, आर उन्नीथन, मनिकम टैगोर, बेनी बेहन और गुरजीत सिंह औजला का नाम शामिल है। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इस कार्रवाई की निंदा की और कहा कि क्या यह तानाशाही है? लगता है सरकार दिल्ली हिंसा पर चर्चा नहीं करना चाहती है इसलिये निलंबन हुआ है।
स्पीकर के आसन पर फेंके गए कागज
अपराह्न तीन बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने कहा, ‘आज दोपहर सदन में चर्चा के दौरान कुछ सदस्यों ने सभा की कार्यवाही से संबंधित आवश्यक कागज अध्यक्षीय पीठ से बलपूर्वक छीन लिए और उछाले गए। संसदीय इतिहास में ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण आचरण संभवत: पहली बार हुआ है जब अध्यक्ष पीठ से कार्यवाही से संबंधित पत्र छीने गए। मैं इस आचरण की घोर निंदा करती हूं।’
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस के गौरव गोगोई, टी एन प्रतापन, डीन कुरियाकोस, राजमोहन उन्नीथन, बैनी बहनान, मणिकम टेगोर और गुरजीत सिंह औजला को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूर किया। इससे पहले लेखी ने संसदीय प्रक्रिया नियमों के नियम 374 के तहत उक्त सदस्यों को नामित किया।
इसके बाद पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले, 12 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने देश में कोरोना वायरस से जुड़े हालात और उससे निपटने की तैयारियों पर बयान दिया, जिसके बाद विभिन्न दलों के सदस्यों ने इस विषय पर अपने सुझाव रखे।
इसी क्रम में सुझाव देते हुए सत्तारूढ़ एनडीए में सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सदस्य हनुमान बेनीवाल ने गांधी परिवार को लेकर एक विवादास्पद बयान दे दिया, जिस पर कांग्रेस सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की बैठक दोपहर करीब एक बजे दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
राजस्थान से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के बेनीवाल ने कहा कि देश में कोरोना वायरस से संक्रमित अधिकतर मरीज इटली से लौटे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी अभी पार्टी नेता राहुल गांधी का नाम लिया था। इसके बाद बेनीवाल ने ‘इटली और कोरोना वायरस’ को जोड़ते हुए गांधी परिवार को लेकर एक ‘विवादास्पद बयान’ दिया जिस पर कांग्रेस के सदस्य उग्र होते हुए आसन के समीप आ गए और बेनीवाल की बात का विरोध करने लगे।
कुछ कांग्रेस सांसदों ने कागज और प्लेकार्ड फाड़कर भी उछाले जिनके टुकड़े आसन के पास आकर गिरे। भारी हंगामे के कारण पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने सदन की बैठक करीब एक बजे दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले अधीर रंजन चौधरी ने कोरोना वायरस पर सुझाव देते हुए कहा था, ‘हमारे नेता राहुल गांधी ने भी इस संबंध में सरकार को चेताया था।’
कांग्रेस सांसदों के निलंबन को बताया तानाशाही फैसला
कांग्रेस ने अपने सात लोकसभा सदस्यों के मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि से निलंबित किए जाने को बदले की भावना से उठाया गया कदम करार दिया और दावा किया कि ‘यह फैसला लोकसभा अध्यक्ष का नहीं, बल्कि सरकार का है।’ लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह भी कहा कि सरकार के इस तानाशाही वाले निर्णय से पार्टी के सदस्य झुकने वाले नहीं हैं और वे दिल्ली हिंसा पर तत्काल चर्चा की मांग उठाते रहेंगे। चौधरी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘आज जो हुआ है वो संसदीय लोकतंत्र के लिए शर्मिंदगी की दास्तान है।