कुल टर्नओवर किसी एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये तक है तो यह जीएसटी के दायरे से बाहर रहेगा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि जीएसटी लागू होने के बाद हाउसिंग सोसायटी के रेजिडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) की ओर से दी जाने वाली सेवाएं महंगी नहीं होंगी।
जीएसटी को देशभर में एक जुलाई से ही लागू कर दिया गया था। अगर आरडब्ल्यू का कुल टर्नओवर किसी एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये तक है तो यह जीएसटी के दायरे से बाहर रहेगा, फिर चाहे यह प्रति सदस्य 5000 रुपये से ज्यादा ही क्यों न हो।
आरडब्ल्यूए को मासिक आधार पर जीएसटी का भुगतान करना होगा। लेकिन यह उसी सूरत में होगा जब प्रति सदस्य सब्सक्रिप्शन 5000 रुपये से ज्यादा हो और आरडब्ल्यूए का वस्तु एवं सेवाओं की आपूर्ति के लिए सालाना टर्नओवर 20 लाख से ज्यादा हो।
इसपर जीएसटी की 18 फीसद की दर से टैक्स लगेगा। जीएसटी के तहत आरडब्ल्यूए पर टैक्स का भार कम हो जाएगा क्योंकि वे इनपुट टैक्स क्रेडिट (कैपिटल गुड्स जैसे कि जनरेटर, वाटर पंप, लॉन फर्निचर, टेप, पाइप, हार्डवेयर फिलिंग्स आदि) के दायरे में आ जाएंगे।
वस्तु एवं सेवा पर सेंट्रल एक्साइज का इनपुट टैक्स क्रेडिट और वैट का भुगतान जीएसटी लागू होने से पहले नहीं था। साथ ही वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को स्पष्ट कर दिया है कि शैक्षिक संस्थानों की ओर से छात्रों, अध्यापकों और स्टाफ को दी जाने वाली सेवाए जीएसटी के दायरे से बाहर रहेंगी।