Facebook पर फर्जी वीडियो को रोकने की तैयारी शुरू हो चुकी है। फर्जी वीडियो पर रोक लगाने के लिए फेसबुक मुहिम शुरू कर रहा है। फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा है कि वह कृत्रिम मेधा और आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल के जरिए बिल्कुल वास्तविक लगने वाले फर्जी वीडियो (डीपफेक वीडियो) को रोकने के लिए मूल्यांकन किया जा रहा है।
उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि ‘डीपफेक वीडियो’ को गलत सूचना फैलाने वाले वीडियो से अलग तरीके से निपटना चाहिए। फेसबुक का लंबे समय से यह मानना रहा है कि यह तय करना उसका काम नहीं है कि कौन सी जानकारी तथ्यात्मक रूप से सही और कौन सी गलत।
कंपनी के मुताबिक, यह काम तथ्य जांच करने वाले लोगों का है। जुकरबर्ग का मानना है कि ‘डीपफेक’ वीडियो बिल्कुल अगल श्रेणी की चीज है और इसे फर्जी जानकारी देने वाले वीडियो की श्रेणी से अलग रखा जाना चाहिए।
जुकरबर्ग ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है और ऐसे में इस तरह के वीडियो के संबंध में नीति का विकास ‘बहुत महत्वपूर्ण’ है। मालूम हो कि डीपफेक वीडियो से संबंधित खतरा हाल के वर्षों में उभरा है और इससे निपटने के लिए फेसबुक सहित अन्य सोशल मीडिया कंपनियों के पास अभी कोई नीति नहीं है