दूसरे चरण में 55 हजार मुखौटा कंपनियों के रजिस्ट्रेशन रद्द : मंत्री

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मुंबई ।सरकार ने शुक्रवार को बताया कि धन के अवैध प्रवाह को रोकने के प्रयासों के दूसरे चरण में करीब 55 हजार मुखौटा कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है और इन कई कंपनियों को नोटिस जारी कर उनकी जांच की जा रही है।

कंपनी मामलों का मंत्रालय पहले चरण में दो साल या इससे अधिक समय तक वित्तीय जानकारियां या वार्षिक रिटर्न दायर नहीं करनेवाली 2.26 लाख से अधिक मुखौटा कंपनियों का निबंधन रद्द कर चुका है।

कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री पी. पी. चौधरी ने इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स के चौथे वार्षिक सम्मेलन से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘जहां तक मुखौटा कंपनियों का सवाल है, पहले चरण में हमने प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने वाली करीब 2.26 लाख कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। इनमें से 400 से अधिक कंपनियां एक कमरे से संचालित हो रही थीं।’’

उन्होंने कहा, ‘दूसरे चरण में हम पहले ही करीब 55 हजार कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर चुके हैं और कई कंपनियां जांच के घेरे में हैं।’ चौधरी ने कहा कि सरकार धन का हेर-फेर, मादक पदार्थों का वित्त पोषण या किसी अन्य अवैध गतिविधियों के द्वारा कॉर्पोरेट ढांचे का दुरुपयोग होने देना नहीं चाहती है।

उन्होंने कहा कि गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) एवं अन्य प्रवर्तन प्राधिकरण मुखौटा कंपनियों के मामले की जांच कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई की जा रही है।चौधरी ने बताया कि कंपनी मामलों का मंत्रालय कुछ कंपनियों की छंटनी कर रहा है जिन्हें दूसरे चरण में नोटिस भेजे जा चुके हैं।

उन्होंने आगे कहा, ‘हमने (कुछ कंपनियों को) नोटिस जारी किए हैं और हम उनके जवाबों की पड़ताल कर रहे हैं। इसके बाद हम कंपनीज ऐक्ट के तहत कार्रवाई करेंगे।’सरकार ने जून महीने में बताया था कि उसने 2.25 लाख कंपनियों और 7,191 एलएलपीज की पहचान की है जिन्होंने वित्त वर्ष 2015-16 और 2016-17 के लिए आईटीआर फाइल नहीं किया था।