मुनाफावसूली से जीरा औंधे मुंह गिरा, पैदावार से कमी में बढ़ रहे थे भाव

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नई दिल्ली। Cumin Price Update : जीरे की महंगाई से परेशान उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है क्योंकि जीरे की कीमतों में अब कुछ गिरावट आई है। जीरा सस्ता होने की मुख्य वजह ऊंचे भाव पर मुनाफावसूली होने को माना जा रहा है।

उत्पादन में कमी के कारण इस साल जीरे के भाव बढ़कर दोगुने हो गए थे। इस साल देश में जीरा उत्पादन 3.8 से 4 लाख टन होने का अनुमान, जो पिछले साल के उत्पादन 6.29 लाख टन से काफी कम है।

इस महीने जीरे की कीमतों में नरमी देखी जा रही है। नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (NCDEX) पर इस महीने 7 तारीख को अगस्त कॉन्ट्रैक्ट ने 63,540 रुपये के भाव पर ऊपरी स्तर छू लिया था, आज इस कॉन्ट्रैक्ट ने 57,305 रुपये क्विंटल के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। इस तरह इस महीने जीरा ऊपरी स्तर से 6,235 रुपये प्रति क्विंटल फिसल चुका है।

बुधवार को भी जीरे की वायदा कीमतों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। आज जीरे का अगस्त कॉन्ट्रैक्ट 59,600 रुपये के भाव पर खुला और खबर लिखे जाने के समय 57,305 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था, पिछला क्लोजिंग प्राइस 60,940 रुपये क्विंटल था। जाहिर है आज जीरे के वायदा भाव में करीब 6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।

कमोडिटी एक्सपर्ट इंद्रजीत पॉल ने बताया कि बीते महीनों में जीरे के भाव काफी बढ़ चुके हैं। ऐसे में अब ऊंचे भाव पर कुछ दिनों से मुनाफावसूली देखी जा रही है। इसलिए जीरे के भाव गिर रहे हैं। भारतीय जीरा अंतरराष्ट्रीय बाजार में अब महंगा पड रहा है। साथ ही अच्छी गुणवत्ता के जीरे की कमी है। ऐसे में इसकी निर्यात मांग सुस्त पड़ने लगी है।

लिहाजा आगे निर्यात घटने पर देश में जीरा की कीमतों में नरमी देखी जा सकती है। हालांकि उत्पादन घटने से जीरे की उपलब्धता कमजोर है। ऐसे में भाव बहुत ज्यादा गिरने की संभावना नहीं है।