राज्यों को अरहर व उड़द के अघोषित स्टॉक पर कड़ी कार्रवाई के केंद्र सरकार के निर्देश

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार दालों के अघोषित स्टॉक पर सख्त हो गई है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को दालों का अघोषित स्टॉक करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने आज प्रमुख दलहन उत्‍पादक और खपत वाले राज्‍यों के साथ अरहर और उड़द के स्‍टॉक खुलासे की स्थिति की समीक्षा की।

बैठक में आंध्र प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में पंजीकृत संस्थाओं की संख्या और घोषित किए गए स्टॉक की मात्रा की राज्यों और क्षेत्रों के साथ समीक्षा की गई, जहां आयातकों, मिलरों, स्टॉकिस्टों, व्यापारियों आदि जैसी संस्थाओं द्वारा स्टॉक घोषित करना सुनिश्चित करने के लिए जोर देने की आवश्यकता थी।

स्टॉक डिस्क्लोजर पोर्टल में पंजीकृत संस्थाओं की संख्या में वृद्धि हुई है। हालांकि कुछ राज्यों में इनकी वास्तविक संख्या अधिक हो सकती है। कुछ राज्यों में उत्पादन और खपत की तुलना में घोषित अरहर के स्टॉक की मात्रा भी कम पाई गई है। इसलिए इनकी संख्या को बढ़ाने के लिए राज्य सरकारों को एफएसएसएआई लाइसेंस, एपीएमसी पंजीकरण, जीएसटी पंजीकरण, गोदामों और कस्टम बांडेड गोदामों से संबंधित आंकड़ों को देखने के लिए कहा गया।

राज्यों ने सूचित किया कि वे निगरानी तेज कर रहे हैं। साथ ही स्टॉक डिस्क्लोजर पोर्टल पर अनिवार्य पंजीकरण और स्टॉक के घोषित करने को सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों और उनके द्वारा किए जा रहे उपायों को साझा किया। राज्यों को विभिन्न संस्थाओं द्वारा रखे गए स्टॉक के सत्यापन का संचालन करने और आवश्यक जिंस अधिनियम, 1955 और कालाबाजारी की रोकथाम और आवश्यक वस्तु आपूर्ति अधिनियम, 1980 की संबंधित धाराओं के तहत अघोषित स्टॉक पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन करने के लिए उपभोक्ता मामलों के विभाग ने 12 वरिष्ठ अधिकारियों को विभिन्न राज्यों की राजधानियों और प्रमुख अरहर उत्पादक और व्यापारिक केंद्रों के जिलों में कारोबारियों, मिल मालिकों और भंडारण संचालकों से जमीनी स्तर पर प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए प्रतिनियुक्त किया है। इनकी प्रतिक्रिया के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।