Tuesday, November 5, 2024
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शेयर बाजार में दिवाली, निफ्टी का नया रेकॉर्ड

मुंबई। शेयर बाजारों में शुक्रवार को भी तेजी का माहौल रहा। सेंसेक्स 250.47 अंकों की बढ़त के साथ 32,432 पर बंद हुआ। सेंसेक्स में यह 0.78% की उछाल थी। 50 शेयरों का एनएसई निफ्टी भी 71.05 अंकों की उछाल के साथ 10,167 पर बंद हुआ।

इससे पहले नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों का संवेदी सूचकांक निफ्टी शुक्रवार दोपहर के कारोबार के दौरान रेकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया। इस दौरान निफ्टी ने 10,179.15 के उच्च स्तर को छू लिया। इससे पहले 19 सितंबर को दिनभर के कारोबार के दौरान निफ्टी ने 10,178.95 का रेकॉर्ड बनाया था। जानकारों ने उम्मीद जताई है कि घरेलू शेयर बाजार आगे भी बेहतर प्रदर्शन करता रहेगा।

दोपहर 1.50 बजे निफ्टी 70.70 अंकों यानी 0.70 फीसदी की बढ़त के साथ 10,167.10 अंकों पर चढ़ा। इस दौरान बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 253.08 अंकों यानी 0.79 फीसदी की बढ़त के साथ 32,435.30 पर पहुंच गया।

बाजार विश्लेषकों के मुताबिक, मजबूत घरेलू उत्पादन आकंड़ों, रुपये में मजबूती की वजह से घरेलू शेयर बाजार में मजबूती का रुख है। शुक्रवार को कारोबार के दौरान एनएसई पर 72 शेयरों ने नए सिरे से 52 सप्ताह का उच्च स्तर प्राप्त कर लिया। इन शेयरों में बाटा इंडिया, डाबर, बॉम्बे बर्मा, ब्रिटैनिया इंडस्ट्रीज, कोटक महिंद्रा बैंक, हिंडाल्को, हैवल्स इंडिया और जिलेट इंडिया शामिल हैं।

रोजमर्रा इस्तेमाल की चीजों पर कम हो सकता है GST

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार रोजमर्रा के इस्तेमाल वाली कई वस्तुओं पर जल्द जीएसटी की दरों को घटाएगी। जीएसटी परिषद उस प्रस्ताव पर विचार कर रही है जो आम जनता से जुड़ी हुई हैं और उन पर एकीकृत टैक्स की उच्चतम दर लागू है। जीएसटी परिषद की अगली बैठक नौ नवंबर को है। 

ये चीजें हो सकती है सस्ती 

  • सफेद चॉकलेट
  • मस्टर्ड सॉस
  • कस्टर्ड पाउडर
  • शैम्पू
  • बालों में लगाने वाली क्रीम पर दरों को 12 से 18 प्रतिशत के बीच तय कर सकती है। इन सभी वस्तुओं पर मौजूदा समय 28 फीसदी जीएसटी लागू है।

इसी तरह से स्टेशनरी से जुड़ी ज्यादातर सामग्री की दरों में कमी लाई जाएगी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक परिषद सौ से भी ज्यादा उन चीजों पर दरों को घटाएगी, जिनका उपयोग रोजमर्रा के कामकाज में होता है। जीएसटी लागू होने पर इनमें से अधिकतर वस्तुओं पर कर की दर 28 फीसदी रखा गया था।

हालांकि स्टेशनरी उत्पादों में फाइलें, किताबों की बाइंडिंग से जुड़ी सामग्री, लेटर क्लिप्स, लेटर कॉर्नर्स, पेपर क्लिप्स, इंडैक्सिंग टैग और कार्यालयों में प्रयोग में लाई जाने वाली वस्तुओं पर 18 फीसद की दर लागू की गई थी।

सरकार इसकी समीक्षा कर रही है कि रोजमर्रा की कौन सी वस्तु पर सही दर लागू है और कौन सी ऐसी वस्तुएं हैं जिनका उपयोग ज्यादातर लोग करते हैं। उनकी दरों में कमी लाए जाने की जरूरत है। दरअसल, रोजाना इस्तेमाल में लाई जाने वाली कई वस्तुओं पर जीएसटी दरों में समानता नहीं है।

यही वजह है कि ऐसी वस्तुओं की एक सूची तैयार की गई थी, जिस पर पिछली बैठक में भी चर्चा हुई थी। सरकार तीन माह से लगातार इस मुद्दे पर विभिन्न पक्षकारों से सुझाव ले रही है। 

उद्योग संगठनों ने भी दर घटाने की मांग रखी
दिल्ली मूल की कंफडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने भी सरकार से सिर्फ विलासितापूर्ण और अहितकर वस्तुओं पर ही जीएसटी दर 28 फीसद रखने और अन्य जरूरी वस्तुओं की दरों पर पुनर्विचार करने की मांग की।

सीएआईटी महासचिव प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक सरकार रोजमर्रा के प्रयोग में लाई जाने वाली वस्तुओं पर दरों को कम करने की हमारी मांग है। उम्मीद है कि परिषद की अगली बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा। 

27 वस्तुओं की दर पिछली बैठक में घटी
परिषद की 22वीं बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए थे। कुछ चीजों के टैक्स में भी बदलाव किए गए हैं, जिसमें 22 वस्तुओं तथा 5 सेवाओं के टैक्सों में कटौती की गई है। इस कटौती से सीधे तौर पर उपभोक्ताओं को फायदा होगा।

इनमें रिटर्न दाखिल करने के समय में बदलाव कंपोजिशन स्कीम का दायरा बढ़ाना और निर्यातकों को रिफंड दिए जाने के तरीकों में सुधार किए गए हैं।  

राजस्थान समेत सात राज्य मिलकर करेंगे तय पेट्रोल-डीजल के दाम

नई दिल्ली/ जयपुर । पेट्रोल और डीजल को गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के दायरे में लाने की मांग के बीच उत्तर भारत के आधा दर्जन राज्यों ने सिर जोड़ लिए हैं। हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हिमाचल और राजस्थान ने सहमति बना ली कि उनके यहां पेट्रोलियम पदार्थो के दाम घटाने अथवा बढ़ाने का निर्णय एकमत से लिया जाएगा।

इन सभी राज्यों की सीमा आपस में मिलती है। तर्क दिया गया कि यदि कोई पड़ोसी राज्य पेट्रोलियम पदार्थों के रेट कम करेगा तो उसके यहां बिक्री बढ़ने लगेगी और साथ लगते राज्य में बिक्री घटने के साथ ही राजस्व कम होने लगेगा। बता दें कि पेट्रोल व डीजल पर जीएसटी और एक्साइज ड्यूटी मिलाकर करीब 57 फीसद टैक्स देना पड़ता है।

देश भर में मांग उठ रही कि पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए, ताकि अधिकतम 28 फीसद टैक्स ही वसूला जा सके। वहीं राज्यों की सबसे अधिक आय पेट्रोल व डीजल की बिक्री से होती है, ऐसे में यदि इनकों जीएसटी के दायरे में लाया गया तो उनका राजस्व घट जाएगा।

इसलिए कोई भी राज्य जीएसटी काउंसिल में पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने की पैरवी नहीं कर रहा है।केंद्र सरकार ने हालांकि राज्यों को पेट्रोलियम पदार्थो पर वैट कम करने का अधिकार दिया है। कुछ राज्य इसे कम करना भी चाहते हैं, लेकिन उत्तर भारत के उक्त राज्यों ने तय किया कि इतना वैट किसी सूरत में कम नहीं होगा, जिससे आपस में पेट्रोलियम पदार्थो के दामों में अधिक अंतर आ जाए।’

GST का जूलरी मार्केट पर असर, गायब हैं लकी ड्रॉ, गिफ्ट ऑफर

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कोटा । धनतेरस और दिवाली की पीक सेल्स के लिए पलक पांवड़े बिछाए बुलियन और जूलरी के बाजारों में इस साल लकी ड्रॉ, गिफ्ट हैंपर और बंपर डिस्काउंट जैसे ऑफर नदारद हैं। जहां एक ओर नोटबंदी के बाद से कैश वालों के हाथ तंग हैं, वहीं जीएसटी ने खरीद-बिक्री के पैमाने बदल दिए हैं।

ज्यादातर जूलर जीएसटी के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट की शर्तों, कंपोजिट सप्लाई और रिवर्स चार्ज को लेकर कन्फ्यूज हैं। कइयों को यह डर सता रहा है कि अगर सोने के साथ कोई दूसरी वस्तु दी तो कहीं 3% की जगह रेग्युल स्लैब वाले रेट न लागू हो जाएं।

पिछले साल ग्राहकों को लकी ड्रॉ के जरिए लग्जरी कार, आईफोन और एलईडी टीवी ऑफर करने वाली एक जूलरी फर्म के एमडी ने बताया, ‘एक तो डिमांड कम है और इस साल कमाई नहीं होने जा रही। लेकिन जीएसटी रिजीम ने भी कई चीजें बदली हैं।

अगर लाख डेढ़ लाख रुपये की जूलरी खरीदने वाले किसी लकी ग्राहक को हमें 10 लाख की कार देनी पड़े तो एक तो हमें इनपुट क्रेडिट नहीं मिलेगा और ऊपर से गाड़ी पर सेस के साथ टैक्स रेट 28 से 40 पर्सेंट तक होगा। हाल तक शर्तें लागू टैग के तहत गाड़ी पर कम से कम वैट की रकम ग्राहकों से मांग ली जाती थी, लेकिन कई बार ग्राहक वो भी नहीं देना चाहते।’

क्यों हुआ मार्केट रणनीति में बदलाव?
राजस्थान सराफा संघ के प्रदेश मंत्री पुरुषोत्तम पुरोहित कहते हैं, ‘मैं 50 हजार से ज्यादा की खरीद पर इन दिनों लक्ष्मी-गणेश की चांदी की मूर्तियां हमेशा से देता आया हूं।

Reverceलेकिन मूर्तियों पर जीएसटी रेट को लेकर पिछले महीने तक स्थिति साफ नहीं थी। ऐसे में रणनीति टाले रखी। हालांकि मेकिंग चार्जेज पर डिस्काउंट जारी है।’

जीएसटी एक्सपर्ट अनिल काला कहते हैं, ‘जब कोई ट्रेडर जूलरी के साथ छोटा-मोटा गिफ्ट देगा तो वह उसकी प्राइसिंग में शामिल मानी जाएगी, न कि कंपोजिट सप्लाई के रूप में ट्रीट होगी।

लेकिन इसे लेकर मार्केट में कन्फ्यूजन है और डीलर जोखिम लेने से बच रहे हैं। लेकिन एक बात साफ है कि अगर आप लकी ड्रॉ के तहत कार या वास्तविक सप्लाई से महंगी चीज दे रहे हैं तो उसका आपको इनपुट क्रेडिट नहीं मिलेगा।’

इस बार 30-40% की कमी
धनतेरस के एक हफ्ते पहले से ही जूलर्स के पास एडवांस ऑर्डर आने लगते हैं, लेकिन इस बार इसमें 30-40% कमी बताई जा रही है। करोलबाग जूलर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी राकेश सर्राफ कहते हैं कि नोटबंदी के बाद से लोगों के पास कैश नहीं है और कई वजहों से खरीद क्षमता घटी है।

पिछले साल की तुलना में कारोबार आधा रह गया है। वहीं, व्यापार संगठन कैट के जूलर्स विंग के मेंबर एस के जैन बताते हैं कि सोने की कीमतें लगभग स्थिर होने के चलते निवेश के लिहाज से खरीदारी करने वाले आगे नहीं आ रहे और पैसा शेयर या दूसरे जरियों में लगा रहे हैं। इस वजह से भी इस साल खरीदारी फीकी है।

निफ्टी 10,100 के पार , बीएसई सेंसेक्स 32,295 पर खुला

नई दिल्ली। पिछले सत्र की बढ़त कायम रखते हुए इक्विटी बेंचमार्क्स शुक्रवार को भी ऊंचाई पर खुले। निफ्टी ने तो 10,100 का आकड़ा पार कर रेकॉर्ड हाई लेवल की ओर कदम बढ़ा दिया। 30 शेयरों के बीएसई सेंसेक्स 113.08 पॉइंट चढ़कर 32,295.30 और 50 शेयरों का एनएसई निफ्टी 31.40 अंक मजबूत होकर 10,127.80 पर खुला।

शुक्रवार को बाजार में आई बहार का नेतृत्व रिलायंस इंडस्ट्रीज और भारती एयरटेल के शेयरों ने की। दरअसल, आज रिलायंस इंडस्ट्रीज के आंकड़े आने हैं। उम्मीद की जा रही है कि सितंबर तिमाही में आरआईएल का स्टैंडअलोन प्रॉफिट 12 पर्सेंट बढ़कर 8,687 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है।

रिलायंस के पास दुनिया का सबसे बड़ा रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स है। वहीं, टाटा टेलि के विलय से एयरटेल को 4 करोड़ अतिरिक्त ग्राहकों से मिलने वाली मजबूती से उत्साहित निवेशकों ने कंपनी के शेयरों में जबर्दस्त दिलचस्पी दिखाई।

शुरुआती कारोबार में भारती एयरटेल के शेयर 6 प्रतिशत, टाटा टेलिसर्विसेज के शेयर 9 प्रतिशत और टाटा कम्यूनिकेशंस के शेयर 2 प्रतिशत तक मजबूती के साथ ट्रेड कर रहे थे। इधर, भारती इन्फ्राटेल के शेयरों ने भी 3 प्रतिशत की उछाल हासिल कर ली।

राशन की कालाबाजारी रोकने के लिए वाहनों में लगेंगे जीपीएस

जयपुर। राशन के गेहूं की कालाबाजारी पर गुरुवार को तीसरे दिन भी कार्रवाई जारी रही। पिछले दो दिन में सरकार एक आईएएस आरएएस सहित 19 अफसरों को सस्पैंड कर चुकी है। गुरुवार को पांच डीएसओ को हटाकर दूसरे जिलों में लगाया गया। सरकार ने गेहूं सप्लाई करने वाले वाहनों पर जीपीएस लगाने का भी फैसला किया है।

वाहनों को बायोमेट्रिक मशीनें भी दी जाएंगी। डिलीवरी देते समय वाहन चालक राशन डीलर का अंगूठा लगाया जाएगा, ताकि रिकॉर्ड स्वत: ही सॉफ्टवेयर के जरिये ऑनलाइन हो जाए और रास्ते में कालाबाजारी नहीं हो। आईटी विभाग के जनरल मैनेजर आकाश तोमर ने बताया कि यह सुविधा अगले साल जनवरी तक शुरू हो जाएगी।

प्रदेश भर के डीएसओ को खाद्य मंत्री ने तलब किया
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के मंत्री बाबूलाल वर्मा ने प्रदेश के सभी डीएसओ की सोमवार को मीटिंग बुलाई है। इसमें कालाबाजारी की रोकथाम को लेकर चर्चा होगी।

सरकार ने जिन पांच डीएसओ का तबादला किया है उनमें ओंकारसिंह कविया को डीएसओ जैसलमेर से जोधपुर, उम्मेदसिंह को डीएसओ टोंक से उदयपुर, गौतमचंद जैन को डीएसओ हनुमानगढ़ से बीकानेर, चेतनलाल वसीटा उदयपुर से डीएसओ सीकर और लल्लूराम मीणा को डीएसओ (प्रोक्योरमेंट) से टोंक लगाया है।

टाटा टेलीसर्विसेज का एयरटेल में विलय

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नई दिल्ली। इस साल की शुरुआत में नॉर्वे की दूरसंचार कंपनी टेलीनॉर के भारतीय कारोबार को करीब-करीब मुफ्त में हासिल करने के बाद भारती एयरटेल ने अब टाटा टेलीसर्विसेज का अधिग्रहण किया है। एयरटेल ने इस सौदे के साथ ही वित्तीय दबाव से जूझ रहे घरेलू दूरंसचार क्षेत्र में एकीकरण को एक नए चरण में ले गई है।

नकदी-रहित और कर्ज मुक्त इस सौदे से सुनील भारती मित्तल की कंपनी एयरटेल को 71 मेगाहट्र्ज से अधिक उदार स्पेक्ट्रम हासिल होगा और साथ ही उसके खाते में 4 करोड़ ग्राहक भी जुड़ेंगे। इस सौदे का मतलब है कि टाटा समूह अपने दूरसंचार कारोबार को बंद नहीं करेगी और हजारों नौकरियों के जाने का खतरा भी नहीं होगा।
 
149 साल के इतिहास में टाटा ने कभी भी अपना कोई कारोबार बंद नहीं किया है। इस विलय सौदे को टाटा के लिए अपनी छवि बचाने के मौके के तौर पर देखा जा रहा है। टाटा के वायरलेस कारोबार के अधिग्रहण के साथ ही एयरटेल को एक कर्ज-मुक्त कंपनी मिलेगी और उसके ग्राहकों की संख्या बढ़कर करीब 32.1 करोड़ हो जाएगी।

देश की दूसरी बड़ी दूरंसचार कंपनी वोडाफोन 20.8 करोड़ ग्राहकों के साथ एयरअेल से काफी पीछे छूट जाएगी। हालांकि वोडाफोन और आइडिया के विलय के बाद उसके ग्राहकों की संख्या एयरटेल को पार कर सकती है। इस साल अगस्त तक आइडिया के पास 19.1 करोड़ ग्राहक थे।

दूरसंचार क्षेत्र में यह एकीकरण नई कंपनी रिलायंस जियो द्वारा प्रतिस्पर्धी शुल्क दरों को पेश करने का नतीजा है। जियो ने महज एक साल में ही 12.8 करोड़ ग्राहक बना लिए। इस सौदे से एयरटेल को 850, 1800 और 2100 मेगाहट्र्ज बैंड पर 178.5 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम (इनमें से 71.2 मेगाहट्र्ज उदार स्पेक्ट्रम श्रेणी के हैं) मिलेंगे और टाटा के मौजूदा फाइबर नेटवर्क के इस्तेमाल का भी अधिकार हासिल होगा।

टाटा टेलीसर्विसेज को 34,000 करोड़ रुपये के संचयी कर्ज का भुगतान करना होगा। दोनों कंपनियों ने स्पष्ट किया है कि पिछला सभी बकाया और देनदारियों का वहन टाटा की ओर से किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक स्पेक्ट्रम के विलंबित भुगतान की कुल रकम करीब 10,000 करोड़ रुपये है जिनमें से करीब 1,500 करोड़ रुपये एयरटेल अपने जिम्मे ले सकती है।

शेष 8,500 करोड़ रुपये का भुगतान टाटा की ओर से किया जाएगा। इस सौदे से टाटा टेली के 5,500 कर्मचारियों को नौकरी नहीं गंवानी होगी जबकि कंपनी के बंद होने की चर्चा से उन पर संकट की तलवार लटक रही थी। हालांकि अभी इसका अनुमान नहीं लगाया गया है कि नई व्यवस्था के तहत कितने कर्मचारियों को लिया जाएगा।

भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहा, ‘भारत के दूरसंचार उद्योग में एकीकरण की दिशा में यह एक महत्त्वपूर्ण कदम है और यह भारत में डिजिटल क्रांति का नेतृत्व करने की हमारी प्रतिबद्घता को दर्शाता है।’ उन्होंने कहा कि प्रस्तावित अधिग्रहण के पूरा होने से कई प्रमुख सर्किलों में एयरटेल की स्थिति और सुदृढ़ होगी। 
 
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा, ‘दोनों कंपनियों- भारती एयरटेल और टाटा- ने टाटा टेलीसर्विसेज और टाटा टेलीसर्विसेज महाराष्ट्र के उपभोक्ता मोबाइल कारोबार (सीएमबी) को एकीकृत करने के लिए सहमति जताई है। इस सौदे के तहत एयरटेल देश के 19 दूरसंचार सर्किल में टाटा समूह के उपभोक्ता मोबाइल कारोबार का अधिग्रहण करेगी।

गोल्डमैन सैक्स (इंडिया) सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड इस समझौते के लिए टाटा समूह का वित्तीय सलाहकार है।
प्रस्तावित विलय में टाटा सीएमबी के सभी ग्राहक एवं परिसंपत्तियों का एयरटेल में स्थानांतरण भी शामिल है। कंपनी के एक बयान में कहा गया है कि इससे एयरटेल को 178.5 मेगाहट्ïर्ज स्पेक्ट्रम हासिल होने के साथ ही स्पेक्ट्रम के लिहाज से उसकी स्थिति काफी मजबूत होगी।

दोनों कंपनियों ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि टाटा और एयरटेल आगे आपसी सहयोग के अन्य क्षेत्रों में सभावनाएं तलाशने के लिए साथ मिलकर काम करेंगी जो मूल्य के लिहाज से दोनों समूहों के लिए बेहतर हों। टावर कंपनी व्योम में टाटा अपनी हिस्सेदारी बरकरार रखेगी और उसके साथ उसकी देनदारियां भी बरकरार रहेंगी। टाटा संस, टीटीएसएल और टीटीएमएल के बोर्ड ने इस लेनदेन को मंजूरी दे दी है।

भामाशाह मंडी में लहसुन की आवक 20 हजार कट्टे की रही

कोटा । भामाशाह अनाज मंडी में गुरुवार को माल की कुल आवक 75 हजार बोरी की रहीं। लहसुन  की  आवक 20 हजार  कट्टे  की रही । गेहूं मिल  1500 से 1531 लोकवान  1600 से 1700 पीडी  1650 से 1700 टुकडी 1600से 1700 रुपए प्रति क्विंटल ।

धान सुगंधा  1800 से 2050 पूसा -1 2000 से 2100 पूसा-4  (1121) 2000 से   2400 धान (1509) 2000 से 2200  रुपए प्रति क्विंटल। सोयाबीन 2200  से  2735 सरसो 3200 से 3421 तिल्ली  5000 से 6500 रुपए प्रति क्विंटल।

मैथी 2000 से 2400धनिया  बादामी  3400 से 3800 ईगल  3600 से  3900 रंगदार 4000 से 5000 रुपए प्रति क्विंटल। मूंग  3500 से 4100  उडद  2400 से 3650 चना 4500 से 4800 चना काबुली 7000 से 10500 रुपए प्रति क्विंटल।

चना पेपसी 4800 से 5000 चना  मौसमी  4800 से 5200 मसूर 3300 से 3600 रुपए प्रति क्विंटल। ग्वार  2500 से 3050 मक्का नई 800 से 1200 जौ 1100 से  1200 ज्वार  1300 से 2000 रुपए प्रति क्विंटल ।  लहसुन 800 से 4300 रुपए प्रति क्विंटल।

देश का औद्योगिक उत्पादन 4.3 फीसदी बढ़कर 9 माह के उच्च स्तर पर

नई दिल्ली। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के अगस्त के आंकड़े गुरुवार को जारी किए गए, जिसमें फैक्टरी आउटपुट में पिछले साल के समान माह की तुलना में 4.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। यह पिछले 9 महीने का उच्च स्तर है। पिछला उच्च स्तर नवंबर 2016 में रहा था जब IIP ग्रोथ 5.7 प्रतिशत दर्ज किया गया था।

इस बार औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में बढ़ोतरी के पीछे सबसे ज्यादा योगदान खनन और विद्युत क्षेत्र में आई मजबूती का रहा। अगस्त महीने में मैन्युफैक्चिरिंग सेक्टर का आउटपुट ग्रोथ पिछले साल की तुलना में 5.5 प्रतिशत से घटकर 3.1 प्रतिशत रह गया है।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का IIP में 77.63 प्रतिशत का योगदान होता है। अगस्त महीने में खनन और विद्युत क्षेत्र के आउटपुट में पिछले साल के मुकाबले क्रमशः 9.4 प्रतिशत और 8.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में जुलाई में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में विनिर्माण उत्पादन में मामूली वृद्धि दर्ज की गई।

इस साल अप्रैल से अगस्त के बीच IIP ग्रोथ का औसत 2.2 प्रतिशत रहा जो पिछले साल की समान अवधि में 5.9 प्रतिशत था। इस बीच जुलाई महीने में IIP ग्रोथ के डेटा को संशोधित किया गया है। पहले 1.2 प्रतिशत की वृद्धि का आकलन किया गया था जिसे संसोधित करके 0.94 किया गया।

राजस्थान में मूंगफली की खरीद हुई प्रारम्भ

अब तक लगभग 1500 किसानों को 10 करोड़ 61लाख रुपये से अधिक राशि का ऑनलाईन भुगतान किया जा चुका है। 

जयपुर। भारत सरकार ने राज्य में मूंगफली की समर्थन मूल्य पर 11अक्टूबर से खरीद की अनुमति दे दी है। बीकानेर जिले के तीन खरीद केन्द्रों बीकानेर, नोखा एवं डूंगरगढ़ में मूंगफली की खरीद प्रारम्भ हो गई है। मूंगफली के खरीद केन्द्रों पर खरीद प्रारम्भ करने के लिए किसानों को दिनांकों का आवंटन किया जा रहा है।

यह जानकारी रजिस्ट्रार एवं प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता अभय कुमार ने गुरूवार को राजफैड में समर्थन मूल्य पर की जा रही मूंग, उड़द,सोयाबीन एवं मूंगफली की खरीद की समीक्षा करते हुए दी।

कुमार ने बताया कि राज्य में पूर्व में 25अक्टूबर से मूंगफली की खरीद की जानी थी, लेकिन सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने राज्य में मूंगफली की फसल की आवक एवं किसानों द्वारा जल्दी खरीद प्रारम्भ करने की जा रही मांग के क्रम में शीघ्र खरीद प्रारम्भ करने के निर्देश दिए थे।

उन्होंने बताया कि सहकारिता मंत्री के निर्देशों की पालना में भारत सरकार से उच्च स्तरीय वार्ता कर खरीद को जल्दी प्रारम्भ करवाया गया है। प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि किसानों को उनकी उपज की राशि को उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 1500 किसानों को 10 करोड़ 61लाख रुपये से अधिक राशि का ऑनलाईन भुगतान किया जा चुका है। कुमार ने कहा कि राज्य में ऑनलाईन पंजीकरण कर खरीद की जा रही है।

अधिकारियों को चाहिए कि वे तकनीकी का प्रयोग कर समस्याओं के संबंध में तत्काल निर्णय लेवें, ताकि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हों। उन्होंने पंजीयन के संबंध में आ रही समस्याओं के तत्काल समाधान के लिए निर्देशित किया।

 राजफैड की प्रबंध निदेशक डॉ. वीना प्रधान ने बताया कि राज्य में अभी तक62795किसानों द्वारा ऑनलाईन पंजीयन करवाया गया है। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही सभी किसानों को उनकी उपज को खरीद केन्द्र पर लाने के लिए दिनांक आवंटित कर दी जाएंगी।

 डॉ. प्रधान ने बताया कि समर्थन मूल्य पर अभी तक लगभग 4 हजार किसानों से 31 करोड़ 59 लाख रुपये से अधिक की मूंग, उड़द एवं सोयाबीन की खरीद की जा चुकी है। जिन खरीद केन्द्रों पर ज्यादा किसानों के पंजीयन करवाया है, उन केन्द्रों पर तौल कांटों की संख्या बढ़ाई जा रही है।