सॉवरेन गोल्ड बांड में आज से फिर मिलेगा निवेश का मौका

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नई दिल्ली। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2021-22 की 5वी सीरीज की बिक्री आज से शुरू होगी जो 13 अगस्त तक चलेगी। सरकार ने इसके लिए 4,790 रुपए प्रति ग्राम का भाव तय किया है। ऑनलाइन अप्लाई करने और डिजिटल पेमेंट करने पर प्रति ग्राम 50 रुपए का डिस्काउंट मिलेगा। यानी आपको 10 ग्राम सोने के लिए 47,400 रुपए देने होंगे।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के मुताबिक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड मई से लेकर सितम्बर के बीच 6 किस्तों में जारी किए जाएंगे। इसमें से 4 सीरीज जारी हो चुकी हैं। इसकी छठवीं और आखिरी सीरीज 30 अगस्त से 3 सितंबर तक निवेश के लिए खुलेगी।

बाजार में गोल्ड बॉन्ड से सस्ता सोना
इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट के अनुसार सोना 47,647 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। यानी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का दाम इस बार सोने से थोड़ा ज्यादा है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में 10 ग्राम सोने की कीमत 47,900 रुपए है। हालांकि ये अंतर काफी कम है।

एक साल में 60 हजार तक जा सकता है सोना
IIFL सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी) अनुज गुप्ता कहते हैं कि अर्थव्‍यवस्‍था को सुधरने में अभी वक्त लगेगा। जब तक अर्थव्‍यवस्‍था नहीं सुधरती, सोना सबसे ज्यादा रिटर्न देता रहेगा। इसके चलते आने वाले 1 साल में सोना 60 हजार के पार जा सकता है। ऐसे में अभी इसमें निवेश करना सही रहेगा।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इश्यू प्राइस पर हर साल 2.50% का निश्चित ब्याज मिलता है। यह पैसा हर 6 महीने में आपके खाते में पहुंच जाता है। यानी 48,070 रुपए के निवेश पर हर साल 1,215 रुपए और 8 साल में कुल मिलाकर 10,630 रुपए ब्याज के तौर पर मिल जाएंगे। हालांकि इस पर स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा।

कोई शख्स एक वित्त वर्ष में कम से कम 1 ग्राम और अधिकतम 4 किलोग्राम तक वैल्यू का बॉन्ड खरीद सकता है। हालांकि किसी ट्रस्ट के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किलो है।

बॉन्ड का मैच्योरिटी पीरियड 8 साल का है, लेकिन निवेशकों को 5 साल के बाद बाहर निकलने का मौका मिलता है। यानी अगर आप पैसा निकालना चाहते हैं तो 5 साल के बाद निकाल सकते हैं। एनएसई के मुताबिक लोन लेने के दौरान कॉलेटरल के रूप में भी इन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा ये बॉन्ड एनएसई पर ट्रेड भी करते हैं।

इस पर कितना देना होता है टैक्स
सॉवरेन 8 साल के मैच्योरिटी पीरियड के बाद इससे होने वाले लाभ पर कोई टैक्स नहीं लगता। वहीं अगर आप 5 साल बाद अपना पैसा निकालते हैं तो इससे होने वाले लाभ पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स लगता है। LTCG पर 20.80% टैक्स लगता है जिसमें सेस शामिल है। इसमें एक्सपेंस रेश्यो नहीं रहता है।