नई दिल्ली। डाटा स्टोर करने के लिए ज्यादातर कंपनियां और ऑर्गनाइजेशंस अब क्लाउड स्टोरेज की मदद लेते हैं और उनपर भरोसा करते हैं। हालांकि, एक छोटी सी गलती के चलते बेहद जरूरी डाटा डिलीट हो सकता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है कि, जिसमें गूगल क्लाउड ने एक बड़ी गलती करते हुए ऑस्ट्रेलिया के एक बड़े पेंशन फंड, UniSuper का अकाउंट गलती से डिलीट कर दिया।
सामने आया कि गूगल क्लाउड की गलती से जो अकाउंट डिलीट हो गया, उसमें 125 अरब डॉलर (करीब 104 खरब रुपये) की पेंशन राशि से जुड़ा डाटा मौजूद था। इस गलती की वजह से UniSuper के 620,000 से ज्यादा मेंबर्स को करीब एक हफ्ते तक अपने रिटायरमेंट अकाउंट का ऐक्सेस नहीं मिल सका और परेशान होना पड़ा। हालांकि, कंपनी के पास इस डाटा का बैकअप मौजूद था और बाद में इसे रीस्टोर किया गया।
पेंशन फंड अकाउंट डिलीट होने का मामला 1 मई, 2024 का बताया जा रहा है। UniSuper ने बताया कि गूगल क्लाउड में एक गलत कॉन्फिगरेशन के चलते यह दिक्कत हुई। गूगल और UniSuper दोनों ने ही इस घटना के लिए माफी मांगी है और उन्होंने भरोसा दिया है कि अकाउंट डिलीट होने से किसी भी मेंबर का डाटा या उनका पैसा प्रभावित नहीं हुआ है।
दरअसल, UniSuper ने दो जियोग्रॉफीज में आउटेज या लॉस से बचने के लिए डुप्लिकेशन किया था। यानी कि अगर किसी एक जगह दिक्कत आती तो यूजर्स को दूसरी जगह से उनके अकाउंट और डाटा का ऐक्सेस दिया जाता। हालांकि परेशानी यह हुई कि UniSuper का प्राइवेट क्लाउड सब्सक्रिप्शन डिलीट होने के चलते दोनों ही जगह से सारा डाटा डिलीट हो गया और अकाउंट होल्डर्स को लंबे वक्त तक परेशान होना पड़ा।
बैकअप अकाउंट की मदद से रिकवरी
UniSuper ने बताया कि उनके पास एक बैकअप अकाउंट भी था, जिसकी मदद से फटाफट डाटा रिकवर किया जा सके। हालांकि, इस तरह ढेर सारा डाटा डिलीट होने के चलते क्लाउड कंप्यूटिंग की सुरक्षा और विश्वसनीयता पर सवाल जरूर खड़े हुए हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्लाउड सर्विस प्रोवाइर्स को जरूरी सुधार करने होंगे।