सेमीकंडक्टर हब बनेगा भारत, जापान ने भी बढ़ाया निवेश का हाथ

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नई दिल्ली। Semiconductor Conference: दुनिया भर की सेमीकंडक्टर कंपनियां भारत को उभरते हुए सेमीकंडक्टर डेस्टीनेशन के तौर पर देख रही हैं। भारत भी इस मौके को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहता है। 28 जुलाई को गुजरात में सेमीकंडक्टर कॉन्फ्रेंस आयोजित किया गया है। जिसका उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया। इस मौके पर उन्होंने का भारत में सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनियों को 50 फीसदी वित्तीय सहायता दी जाएगी।

उन्होंने शुक्रवार को यह घोषणा करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने सेमीकंडक्टर उद्योगों को हर तरह की सुविधाएं दी हैं। मोदी ने गांधीनगर में ‘सेमीकॉन इंडिया 2023’ सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद कहा कि देश में सेमीकंडक्टर उद्योग की वृद्धि के लिए एक पूरा पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग तेजी से वृद्धि करेगा।

उन्होंने कहा, ‘एक साल पहले, लोग पूछते थे कि उन्हें भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश क्यों करना चाहिए, और अब वे ही पूछते हैं कि भारत में निवेश क्यों नहीं करना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि दुनिया को एक भरोसेमंद चिप आपूर्ति श्रृंखला की जरूरत है। मोदी ने कहा कि सेमीकंडक्टर डिजाइन पर पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए भारत में 300 विद्यालयों की पहचान की गई है।

जापान करेगा निवेश
जापान के विदेश मंत्री भारत आए हुए हैं। भारत के विदेश मंत्री के साथ हुई बातचीत के दौरान सेंमीकंडक्टर्स और उसके सप्लाई चेन को लेकर बातचीत हुई। 2027 तक जापान का भारत में 35.9 अरब डॉलर के निवेश के लक्ष्य को लेकर भी दोनों देश विदेश मंत्रियों के बीच चर्चा हुई।

तानवान कंपनी ने बढ़ाया हाथ
फॉक्सकॉन ने शुक्रवार को कहा कि वह भारत में सेमीकंडक्टर मसौदे के भविष्य को लेकर आशावादी हैं। उन्होंने साथ ही जोर देकर कहा कि ताइवान भारत का सबसे भरोसेमंद और विश्वसनीय भागीदार है और रहेगा। फॉक्सकॉन के चेयरमैन यंग लियू ने ‘सेमीकॉन इंडिया 2023’ सम्मेलन में कहा कि ‘आइए साथ मिलकर यह काम करें।’ उन्होंने कहा, ‘भारत में चिप्स के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना बहुत बड़ा काम है… जहां चाह है, वहां राह है।