सीएम गहलोत ने किया हाड़ौती के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई दौरा

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कोटा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को हाड़ौती के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। सीएम ने सबसे पहले बूंदी जिले का हवाई सर्वे किया। इसके बाद कोटा शहर और जिले के प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति देखी। इसके बाद झालावाड़ जिले का दौरा कर बाढ़ हालातों का अवलोकन किया। सीएम के साथ नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल तथा आपदा राहत प्रबंधन मंत्री मास्टर भंवरलाल भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान में पांच जिले करौली, अलवर, भरतपुर, गंगानगर और हनुमानगढ़ को छोड़कर सभी जिलों में इस बार औसत से 40 प्रतिशत बारिश ज्यादा हुई है। कई जिलों में बहुत ज्यादा हुई है। अब तक राज्य में विभिन्न हादसों में 54 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से ज्यादातर को नियमों के अनुसार मुआवजा मिल चुका है।

कोटा में भी नुकसान का सर्वे कराया जाएगा। उन्होंने कहा, मुख्य सचिव पूरे राज्य की निगरानी कर रहे हैं। कोटा के प्रशासन ने भी समय पर सही कदम उठाए, इससे कोई हादसा नहीं हुआ। अपदा राहत मंत्री मास्टर भंवरलाल ने कहा, आपदा नियमो के अनुसार मुआवाजे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

गेंता-माखीदा पुलिया पर दरार की करवाएंगे जांच
स्वायत्त शासन मंत्री धारीवाल ने बताया कि कोटा में चंबल रिवरफ्रंट को इस तरह डिजाइन किया जाएगा कि नदी का पानी शहर में नहीं आए। सरकार बाढ़ पीडि़तों के साथ है। हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि गैंता मखीदा पुलिया में आई दरार के कारणों की जांच की करवाई जाएगी। बाढ़ में फंसे लोगों को किसी भी तरह की समस्या नहीं आने दी जाएगी। चम्बल नदी में हो रहे अतिक्रमण ध्वस्त किए जाएंगे।

लोगों को नहीं होने देंगे परेशानी
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि उन्होंने मध्यप्रदेश सीएम कमलनाथ से बात कर बांधों की स्थिति की जानकारी ली है। राहत कार्यो में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी। लोगों को किसी भी तरह से परेशानी नही आने दी जाएगी। केंद्र से लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने चम्बल रिवर फ्रंट परियोजना की तारीफ करते हुए कहा कि मीडिया रिवरफ्रंट के फायदे आमजन को बताएं।

आपदा प्रबंधन की टीम सर्वे करने आएगी कोटा
धारीवाल ने बताया कि बूंदी के बाद कोटा शहर और ग्रामीण इलाकों में बाढ़ के हालात देखे। धारीवाल ने कहा कि बाढ़ के हालातों पर वे तीन दिन से लगातार निगाह रखे हुए हैं। आपदा प्रबंधन के लिए जिला कलक्टर को आवश्यक दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद जयपुर से आपदा प्रबंधन की टीम को कोटा भेजा जाएगा और नुकसान का सर्वे करेगी। इसके बाद विशेष बजट पैकेज दिया जाएगा।