लोन फ्रॉड केस में कोचर दंपती के खिलाफ पर्याप्त सबूत, हो सकती है उम्र कैद

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नई दिल्ली। Loan Fraud Case: स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने कहा है कि कोचर दंपती के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। 3250 करोड़ रुपये के लोन फ्रॉड केस (loan fraud case) में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत और अन्य के खिलाफ दायर आरोप पत्र पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है। कोर्ट ने एक विस्तृत आदेश में कहा कि आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने के लिए जांच के दौरान पर्याप्त सामग्री एकत्र की गई है।

स्पेशल जज एसपी नाइक निंबालकर ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह मानने के आधार हैं कि आरोप अच्छी तरह से स्थापित हैं। आरोपी की संलिप्तता के बारे में विस्तृत सबूत हैं। स्पेशल जज ने कहा, ‘तथ्यों को छुपाने, लोन बांटते समय अनियमितता बरतने, लोन की राशि का दुरुपयोग करने, लोन का दूसरे उद्देश्य के लिए इस्तेमाल, इनाम में लोन का कुछ हिस्सा प्राप्त करने से जुड़े आरोप हैं।’ स्पेशल जज ने विशेष लोक अभियोजक ए लिमोसिन द्वारा पेश की गई प्रस्तुतियों को स्वीकार किया है।

अधिकतम सजा आजीवन कारावास
जज ने कहा कि आरोप पत्र में भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी के उद्देश्य से आपराधिक साजिश रचने और आपराधिक विश्वासघात से संबंधित अपराधों का उल्लेख किया गया है। उन्होंने कहा, ‘यह उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 409 के तहत आपराधिक विश्वासघात का अपराध केवल लोक सेवक या बैंकरों, व्यापारियों या एजेंटों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। इस मामले में शामिल एकमात्र लोक सेवक आरोपी नंबर 4 (चंदा कोचर) है।’ धारा 409 में अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।