लॉकडाउन का असर, मार्च का GST राजस्व संग्रह लक्ष्य से पीछे

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नई दिल्ली। कोरोनावायरस संक्रमण के कारण वस्तुओं का आयात प्रभावित होने और घरेलू स्तर पर लॉकडाउन के कारण मार्च 2020 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व संग्रह का लक्ष्य हासिल नहीं हो सका। इसके कारण 31 मार्च को समाप्त हुए वित्त वर्ष 2019-20 में इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले जीएसटी राजस्व संग्रह मात्र 26,519 करोड़ रुपए ही बढ़ पाया। इस वर्ष मार्च में कुल जीएसटी राजस्व संग्रह 97,597 करोड़ रुपए रहा, जबकि पिछले वर्ष मार्च में यह राशि 1,06,577 करोड़ रुपए रही थी।

मार्च में केंद्र का कुल जीएसटी राजस्व 41,901 करोड़ रुपए
वित्त मंत्रालय द्वारा बुधवार को यहां जारी बयान के अनुसार मार्च में संग्रहित जीएसटी में केंद्रीय जीएसटी संग्रह 19,183 करोड़ रुपए, राज्य जीएसटी संग्रह 25,601 करोड़ रुपए, एकीकृत जीएसटी संग्रह 44,508 करोड़ रुपए और उपकर संग्रह 8,306 करोड़ रुपए रहा। एकीकृत जीएसटी में 18,056 करोड़ रुपए और उपकर में 841 करोड़ रुपए आयात से प्राप्त हुए हैं।

फरवरी महीने के लिए 31 मार्च तक 76.5 लाख करदाताओं ने जीएसटीआर-3बी फॉर्म भरे। सरकार ने एकीकृत जीएसटी से 19,718 करोड़ रुपए केंद्रीय जीएसटी और 14,915करोड़ रुपए राज्य जीएसटी के खाते में हस्तांतरित किए हैं। इसके अतिरिक्त सरकार ने 6000 करोड़ रुपए की शेष राशि में से आधा आधा केन्द्र और राज्यों के बीच वितरित कर दिया है। नियमित आवंटन के बाद मार्च में केन्द्र सरकार का कुल जीएसटी राजस्व 41,901 करोड़ रुपए और राज्यों का कुल राजस्व 43,516 करोड़ रुपए रहा।

पिछले कारोबारी साल में 11,18,639 करोड़ वसूली
वर्ष 2018-19 में कुल जीएसटी राजस्व संग्रह 10,92,120 करोड़ रुपए रहा था, जो इस वर्ष मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में 26,519 करोड़ रुपए बढ़कर 11,18,639 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। सरकार ने वर्ष 2019-20 में हर महीने औसतन एक लाख करोड़ रुपए से अधिक जीएसटी राजस्व संग्रह का लक्ष्य रखा था, लेकिन मात्र छह महीने ही इस लक्ष्य को हासिल किया जा सका।

लक्ष्य हासिल नहीं होने के मद्देनजर सरकार ने जनवरी-मार्च तिमाही में हर महीने एक लाख 10 हजार करोड़ रुपए के राजस्व संग्रह का लक्ष्य दोबारा निर्धारित किया, जिसे जनवरी 2020 में तो हासिल कर लिया गया, लेकिन फरवरी में यह 1,05,366 करोड़ रुपए रहा और मार्च में घटकर 97,597 करोड़ रुपए पर आ गया।