रिलायंस का AI मॉडल ‘हनुमान’ मार्च में होगा लॉन्च, जानिए खासियत

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नई दिल्ली। Reliance’s Hanooman: AI की रेस में अब रिलायंस भी शामिल होने जा रहे हैं। मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और भारत के टॉप इंजीनियरिंग स्कूल्स द्वारा सपोर्टेड एक कंसोर्टियम का टारगेट अगले महीने यानी मार्च अपनी पहली चैटजीपीटी-स्टाइल सर्विस शुरू करने का है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में खिलाड़ी बनने की देश की महत्वाकांक्षाओं में एक बड़ा कदम है।

भारतजीपीटी ग्रुप, जिसमें भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी और आठ एफिलिएटेड यूनिवर्सिटीज शामिल हैं, ने मंगलवार को मुंबई में एक टेक्नोलॉजी कॉन्फ्रेंस के दौरान लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) की एक झलक दिखाई। प्रतिनिधियों के सामने चलाए गए एक वीडियो में, दक्षिणी भारत में एक मोटरसाइकिल मैकेनिक ने तमिल में एआई बॉट से बातचीत की, एक बैंकर ने हिंदी में टूल के साथ बातचीत की, और हैदराबाद में एक डेवलपर ने कंप्यूटर कोड लिखने के लिए इसका इस्तेमाल किया।

11 भाषाओं में काम करेगा मॉडल: इस मॉडल को हनुमान कहा जा रहा है और सफल होने पर यह एआई तकनीक डेवलप करने की दौड़ में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा। भारतजीपीटी चार मुख्य क्षेत्रों: हेल्थ केयर, गवर्नेंस, फाइनेंशियल सर्विसेस और शिक्षा में 11 स्थानीय भाषाओं के माध्यम से काम करने वाले एआई मॉडल की कल्पना कर रहा है। इस मॉडल को वायरलेस कैरियर रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड और भारत सरकार द्वारा समर्थित, बॉम्बे समेत आईआईटी यूनिवर्सिटीज के सहयोग से डेवलप किया गया है।

लाइटस्पीड वेंचर पार्टनर्स और अरबपति विनोद खोसला के फंड जैसे प्रमुख वीसी निवेशकों द्वारा समर्थित सर्वम और कृत्रिम जैसे स्टार्टअप भी भारत के लिए कस्टमाइज्ड ओपन-सोर्स एआई मॉडल का निर्माण कर रहे हैं। जबकि ओपनएआई जैसी सिलिकॉन वैली कंपनियां बड़े एलएलएम का निर्माण कर रही हैं, उन प्रयासों में कम्प्यूटेशनल बाधाओं और छोटे व्यवसायों और सरकारी विभागों के लिए किफायती सिंपल मॉडल डेवलप करना शामिल है।

आईआईटी बॉम्बे के कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के अध्यक्ष गणेश रामकृष्णन ने कहा, “यह एलएलएम की एक अलग स्टाइल है।” एनुअल नैसकॉम आईटी इंडस्ट्री कॉन्फ्रेंस के मौके पर एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि हनुमान स्पीच-टू-टेक्स्ट कैपेबिलिटी की भी पेशकश करेगा, जिससे यह काफी हद तक यूजर्स के अनुकूल हो जाएगा। 1.4 अरब की आबादी वाले देश में लाखों लोग पढ़-लिख नहीं सकते।

उन्होंने कहा, रिलायंस जियो विशिष्ट उपयोगों के लिए कस्टमाइज्ड मॉडल बनाएगा। टेलीकॉम-टू-रिटेल समूह पहले से ही Jio Brain पर काम कर रहा है, जो लगभग 450 मिलियन ग्राहकों के नेटवर्क पर AI का उपयोग करने के लिए एक प्लेटफॉर्म है।

क्या है LLM सिस्टम : एलएलएम ऐसे सिस्टम हैं, जो बड़ी मात्रा में डेटा से सीखती हैं और नैचुलर लगाने वाला रिस्पॉन्स देता है। ऐसे मॉडल जेनरेटिव एआई का उपयोग करते हैं, जो एक नए प्रकार का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है, जो ओपनएआई के चैटजीपीटी की सफलता से लोकप्रिय हुआ है। इस क्षेत्र में भारतजीपीटी का प्रयास कुछ हद तक अनोखा है – यह देश में अपनी तरह की पहली प्राइवेट-पब्लिक पार्टनरशिप है, और इसमें अलग-अलग क्षेत्रों के प्रमुख खिलाड़ी शामिल हैं।