राजस्थान / सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों को मिलेगा बढ़ा हुआ वेतन

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जयपुर। लंबे समय से वेतन संशोधन की मांग कर रहे ग्राम सेवा सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों को सरकार ने दीपावली का तोहफा दिया है। सहकारिता रजिस्ट्रार डॉ. नीरज के पवन ने व्यवस्थापकों के वेतन संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इन्हें सातवें वेतन मान की सबसे निचली पे मेट्रिक्स 1900 के अनुसार वेतन और महंगाई भत्ता दिया जाएगा।

हालांकि यह फायदा सिर्फ उन्हीं व्यवस्थापकों को मिलेगा जिनकी सहकारी समितियां लाभ में चल रही हैं और समयबद्ध ऑडिट करवा रही है।हालांकि व्यवस्थापकों की मुख्य मांग यह थी कि या तो उन्हें सरकार में लिया जाए या फिर सहकारी बैंक का कर्मचारी बनाया जाए। लेकिन सरकार ने इन दोनों मांगों को नहीं माना है और सिर्फ इनके लिए वेतन संशोधन के प्रस्ताव पर ही सहमति दी है।

व्यवस्थापकों के लिए नई वेतन श्रंखला निर्धारित करने के लिए रजिस्ट्रार ने 24 अक्टूबर को कमेटी गठित की थी। इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने व्यवस्थापकों के लिए वेतन श्रंखला 18200-57900(ग्रेड पे 1900) को मंजूरी दी है। यह वेतन सातवें वेतनमान की तरह 1 जनवरी 2016 से नोशनल लागू होगा और व्यवस्थापकों को नकद भुगतान 1 नवंबर 2019 से मिलेगा।

इन्हीं को मिलेगा नया वेतन:

  • -हालांकि वेतन निर्धारण उन्हीं व्यवस्थापकों का होगा जो कैडर अथवा स्क्रीनिंग के माध्यम से नियमित रूप से चयनित हुए हैं।
  • वेतन निर्धारण के लिए संबंधित समिति का गत वर्ष का ऑडिट होना अनिवार्य होगा।
  • समिति में असंतुलन और संचित हानि नहीं होनी चाहिए।
  • तीन सालों से शुद्ध लाभ में होनी चाहिए।
  • नई वेतन श्रंखला में आने के बाद व्यवस्थापकों को एचआरए नहीं दिया जाएगा।