महुआ मोइत्रा को सुप्रीम कोर्ट से झटका, सदन में बैठने की अनुमति देने से इनकार

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा से अपने निष्कासन को चुनौती देने वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता महुआ मोइत्रा की याचिका पर नोटिस जारी किया है। हालांकि उन्हें लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति देने से इनकार दिया।

लोकसभा में आचार समिति की रिपोर्ट को मंजूर किए जाने के बाद दिसंबर में टीएमसी नेता को सदन से निष्कासित कर दिया गया था। इसके विरोध में मोइत्रा ने शीर्ष अदालत का रुख किया है। आचार समिति की रिपोर्ट में मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के मामले में ‘अनैतिक एवं अशोभनीय आचरण’ का जिम्मेदार ठहराया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महुआ मोइत्रा की लोकसभा से निष्कासन को चुनौती देने वाली याचिका पर लोकसभा सचिवालय से जवाब मांगा। हालांकि, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने मोइत्रा को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया।

महुआ निष्कासन से पहले पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर निर्वाचन क्षेत्र से सांसद थीं। अदालत ने निर्देश दिया, “पहले प्रतिवादी (लोकसभा सचिवालय) द्वारा दो सप्ताह में जवाब दाखिल किया जाए, उसके बाद तीन सप्ताह में प्रत्युत्तर दाखिल किया जाए। 11 मार्च से शुरू होने वाले सप्ताह के दौरान मामले की अगली सुनवाई होगी।”

मोइत्रा के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “मुझे अंतरिम राहत पर बहस करने दीजिए। मुझे (सदन की) कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दी जा सकती है।” इस पर कोर्ट ने कहा, “नहीं, नहीं। (मामला) सूचीबद्ध होने पर हम इस पर विचार करेंगे।” न्यायालय ने अंतरिम राहत की याचिका पर औपचारिक नोटिस भी जारी नहीं किया लेकिन कहा कि लोकसभा सचिवालय के जवाब की जांच के बाद इस पर विचार किया जाएगा।