बीड़ी निर्माताओं के ठिकानों पर आयकर छापे में 40 करोड़ की ब्लैक मनी जब्त

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जयपुर। इनकम टैक्स चोरी की गुप्त सूचनाओं पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की इन्वेस्टिगेशन ब्रांच ने टोंक के एक प्रमुख बीड़ी मेंन्युफेक्चरर और उसके रिश्तेदारों-कारोबारी सहयोगियों के जयपुर, टोंक, लालसोट, एमपी के खंडवा और साउथ इंडिया में हैदराबाद समेत कई शहरों में 25 ठिकानों पर छापेमारी की है। बुधवार से शुरू हुई छापेमारी आज पूरी हो गई, लेकिन 2 लॉकर्स खोलना अभी भी बाकी है।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस छापेमारी में करीब 40 करोड़ रुपए की काली कमाई पकड़ने का दावा किया है । छापेमारी में 25 लाख रुपए की ज्वेलरी और 20 किलो सोना भी जब्त किया है। जबकि दो लॉकर्स खुलना अभी बाकी हैं।

आईटी से जुड़े सोर्सेस के मुताबिक इस काली कमाई का एक बड़ा हिस्सा प्रॉपर्टी में निवेश और पैसों के लेनदेन से जुड़ा है। छापेमारी की कार्रवाई बीड़ी मेन्युफेक्चरिंग वाले कारोबारी और उसके सहयोगियों के हुई है। एक डिस्ट्रीब्यूटर ने भी छापेमारी के दौरान 2 करोड़ की काली कमाई स्वीकार कर इस पर इनकम टैक्स देने की स्वीकृति दी है।

छापेमारी में इनकम टैक्स अफसरों को ज्यादातर लेनदेन के रिकॉर्ड ही नहीं मिले। पता चला है कि बीड़ी निर्माता का ज्यादातर कामकाज कैश में हो रहा था। जिसका कोई ऑफिशियल रिकॉर्ड नहीं रखा जाता। इसी तरह पैसों का लेनदेन भी कच्ची पर्चियों से ही ज्यादातर किए जाने की जानकारी मिली है।

विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि इनकम टैक्स छापे मारी की कार्रवाई टोंक में बीड़ी मेन्युफेक्चरिंग और कारोबार से जुड़े ईद मोहम्मद निजामुद्दीन और उसके रिश्तेदारों-सहयोगी कारोबारियों के यहां की गई है। छापेमारी बीड़ी निर्माता -चांद, तलवार, विक्टोरिया नंबर 203, दो भाई नंबर-1 जैसे ब्रांडों के कारोबारी ठिकाने पर की गई है।

20 किलो सोना मिला, 2 लॉकर्स खुलने बाकी: छापेमारी में इनकम टैक्स अधिकारियों को करीब 20 किलो सोना भी मिला है। जिसकी अधिकारिक तौर पर खरीद का कोई रिकॉर्ड करदाता के पास नहीं मिला। लेकिन प्रति व्यक्ति सोना रखने की कानून सीमा होने और करदाता का परिवार बड़ा होने के कारण इस सोने का काफी हिस्सा छूटने के आसार नजर आ रहे हैं।

छापेमारी में अधिकारियों को बड़ी सफलता प्रॉपर्टी में किए गए निवेश के कई दस्तावेज जब्त किए जाने से मिली है। इनकी लेजर बुक से डिटेल में जांच की जाएगी। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इनमें से कुछ प्रॉपर्टी बेनामी नामों से भी खरीदी गई है। इसके अलावा बाकी बचे 2 लॉकर्स 2 से भी आईटी अधिकारियों को अघोषित ज्वैलरी और नकदी मिलने की उम्मीद है।