बवासीर की समस्या होने पर घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपायों से ऐसे पाएं छुटकारा

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डॉ. सुधीन्द्र श्रृंगी
एमडी आयुर्वेद

कोटा। Remedies For Piles: पाइल्स (Piles) यानी बवासीर एक आम समस्या है जो किसी को भी हो सकती है। आमतौर यह समस्या उन लोगों को में ज्यादा पाई जाती है, जो ज्यादा मसालेदार, काम फाइबर वाला खाना, कम पानी पीना और बहुत कम फिजिकल एक्टिविटी करते हैं। इस रोग में गुदा के अंदर और बाहर मस्से हो जाते हैं जिनमें गंभीर दर्द होता है।

बवासीर का दर्द खतरनाक होता है जिसमें उठना-बैठना यहां तक कि चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है। समस्या बढ़ने पर मल त्याग के समय खून भी आ सकता है। यह समस्या पुरानी होने पर आपके पाचन तंत्र को खोखला बनाना शुरू कर देती है।

खूनी बवासीर
खूनी बवासीर में किसी प्रकार की पीड़ा नहीं होती है। इसमें मलत्याग करते समय खून आता है। इसमें गुदा के अन्दर मस्से हो जाते हैं। मलत्याग के समय खून मल के साथ थोड़ा-थोड़ा टपकता है, या पिचकारी के रूप में आने लगता है। मल त्यागने के बाद मस्से अपने से ही अन्दर चले जाते हैं। गंभीर अवस्था में यह हाथ से दबाने पर भी अन्दर नहीं जाते। इस तरह के बवासीर का तुरंत उपचार कराएं।

बादी बवासीर
बादी बवासीर में पेट की समस्या अधिक रहती है। कब्ज एवं गैस की समस्या बनी ही रहती है। इसके मस्सों में रक्तस्राव नहीं होता। यह मस्से बाहर आसानी से देखे जा सकते हैं। इनमें बार-बार खुजली एवं जलन होती है। शुरुआती अवस्था में यह तकलीफ नहीं देते, लेकिन लगातार अस्वस्थ खान-पान और कब्ज रहने से यह फूल जाते हैं। इनमें खून जमा हो जाता है, और सूजन हो जाती है।

इसमें भी असहनीय पीड़ा होती है, और रोगी दर्द से छटपटाने लगता है। मलत्याग करते समय, और उसके बाद भी रोगी को दर्द बना रहता है। वह स्वस्थ तरह से चल-फिर नहीं पाता, और बैठने में भी तकलीफ महसूस करता है। इलाज कराने से यह समस्या ठीक हो जाती है।

बवासीर होने के लक्षण (Piles or Hemorrhoids Symptoms)
कई बार बवासीर यदि गंभीर अवस्था में ना पहुंचा हो तो यह 4-5 दिनों में अपने आप ही ठीक हो जाता है, लेकिन रोग बढ़ने पर ये लक्षण देखे जा सकते हैंः-

  • गुदा के आस-पास कठोर गांठ जैसी महसूस होती है। इसमें दर्द रहता है, तथा खून भी आ सकता है।
  • शौच के बाद भी पेट साफ ना हेने का आभास होना।
  • शौच के वक्त जलन के साथ लाल चमकदार खून का आना।
  • शौच के वक्त अत्यधिक पीड़ा होना।
  • गुदा के आस-पास खुजली, एवं लालीपन, व सूजन रहना।
  • शौच के वक्त म्यूकस का आना।
  • बार-बार मल त्यागने की इच्छा होना, लेकिन त्यागते समय मल न निकलना।

बवासीर का इलाज और घरेलू उपाय क्या हैं? बवासीर के लिए मेडिकल में दवाओं से लेकर सर्जरी तक कई इलाज हैं लेकिन इस समस्या को कुछ घरेलू उपायों से जरिए भी खत्म किया जा सकता है। चलिए जानते हैं कि बवासीर का आयुर्वेदिक इलाज क्या है।

बवासीर में क्या नहीं खाना चाहिए
डॉक्टर के अनुसार, बवासीर में अधिक मसालेदार, देर से पचने वाले खाद्य पदार्थ जैसे आलू, बैंगन या बहुत ज्यादा मीठे खाद्य पदार्थ या बहुत ज्यादा नमकीन चीजों से दूरी बना लेनी चाहिए।


ब्लीडिंग से राहत के लिए अपनाएं ये नुस्खे

  • आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का मिश्रण
  • सौंफ, अजवाइन, सेंधा नमक, काला नमक, मुलेठी, हरड, बहेड़ा, जीरा और हींग जैसी आयुर्वेदि जड़ी बूटियों का मिश्रण बनाकर सेवन करना चाहिए। आप इस मिश्रण को गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं।
  • जीवनशैली में बदलाव है जरूरी
    सबसे पहले अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना जरूरी है। इसमें रेशेदार आहार लेना, ज्यादा पानी पीना और शौच को रोककर न रखना शामिल है। कब्ज की समस्या को दूर करना बवासीर के लिए बहुत जरूरी है।
  • इन चीजों को करें डाइट में शामिल
    आपको अपने खाने में दही, मौसमी फल, हरी सब्जियां और इसबगोल का सेवन बढ़ाएं। ये चीजें पाचन को दुरुस्त रखती हैं और मल को नरम बनाती हैं।
  • एलोवेरा जेल और मेथी दाना
    एलोवेरा जेल में सूजन कम करने और घाव भरने के गुण होते हैं। बाहरी बवासीर पर एलोवेरा जेल लगाने से खुजली और जलन में आराम मिल सकता है। मेथी दाने को पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट सेवन करने से बवासीर में फायदा होता है।
  • कोल्ड कंप्रेस और सिट्ज़ बाथ
    बाहरी बवासीर पर ठंडा कपड़ा लगाने से सूजन कम करने में मदद मिलती है। गर्म पानी के टब में बैठने से गुदा क्षेत्र को आराम मिलता है। आप इसमें सेंधा नमक या औषधीय जड़ी-बूटियां जैसे नीम की पत्तियां भी डाल सकते हैं। दिन में 2-3 बार 10-15 मिनट के लिए सिट्ज़ बाथ लें।