नगर निगम के यूडी टैक्स के मनमाने नोटिस की उपमुख्यमंत्री बैरवा से शिकायत

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कोटा। कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी एवं दी एसएसआई एसोसियेशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंद राम मित्तल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बेरवा के सामने नगर निगम द्वारा यूडी टैक्स के मामले में मनमाने नोटिस देने पर आपत्ति जताई

प्रतिनिधिमण्डल ने बताया कि नगर निगम द्वारा यूडी टैक्स के नाम पर दुकानदार एवं मकान मालिक जो इसके दायरे में भी नहीं आ रहे हैं, उनको भारी डिमांड के नोटिस दिए जाकर वसूली का तकाजा किया जा रहा है। उन्होंने उप मुख्यमंत्री को बताया कि यू डी टैक्स के नियमों के हिसाब से 900 वर्ग फुट तक के कॉमर्शियल भूखंडों एवं 2700 वर्ग फुट के आवासीय भुखण्डो को किसी भी प्रकार से यूडी टैक्स टेक्स के दायरे में नहीं लिया गया है।

जबकि नगर निगम डोर टू डोर जाकर 100 से 200 वर्गफीट तक की दुकानों एवं 2700 वर्ग फिट से भी कम के आवासों पर निरंतर डिमांड नोटिस देकर वसूली का तकाजा कर रहा है, जो कतई न्याय संगत नहीं है। उन्होंने बताया कि यूडी टैक्स का आकलन प्राइवेट संस्थानों द्वारा किया जा रहा है। यह सरासर गलत है। नोटिस के बाद इन प्राइवेट संस्थानों द्वारा वसूली के लिए आम उपभोक्ताओं एवं व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है।

एसोसियेशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंद राम मित्तल एवं महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने उपमुख्यमंत्री को अवगत कराया कि एमएसएमई द्वारा होटल, हॉस्पिटल, गोदाम एवं हॉस्टल को भी उद्योग की श्रेणी में रखा हुआ है। इन औद्योगिक भूखंडों पर स्थापित ऐसी संस्थाओं को भी इस दायरे से बाहर रखा गया है। उन पर किसी भी प्रकार का यूडी टैक्स नहीं लगता है। जबकि नगर निगम इन क्षेत्रों में भी यूडी टैक्स की वसूली की तैयारी कर रहा है।

उन्होंने उपमुख्यमंत्री को बताया कि कोटा में औद्योगिक क्षेत्र में सरकार द्वारा कोचिंग संस्थानों को अनुमति दी गई है और कई कोचिंग संस्थान इस क्षेत्र में अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे हैं। इनके चलते कई उद्यमियों ने अपने बंद पड़े उद्योगों के भूखंडों पर हॉस्टलों का निर्माण किया है। पिछले कई वर्षों से ऐसे हॉस्टलों को रीको द्वारा नियमों के विपरीत निर्माण बढ़कर नोटिस दिया जा रहा है। उन्होंने इन समस्याओं का स्थाई समाधान निकालने का उपमुख्यमंत्री से आग्रह किया।

उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने व्यापारियों और उद्यमियों को आश्वस्त किया कि इस तरह के नियम हैं तो हम इसका संज्ञान करेंगे और नियमों के अनुरूप ही अधिकारियों को निर्देश देंगे, कि उसके दायरे में रह कर ही अपना कार्य करें। उन्होंने कहा कि कोटा में शिक्षा का माहौल है। हमारी सरकार का उद्देश्य है कि कोटा शिक्षा नगरी के रूप में और गतिशीलता प्रदान करें ।

इस अवसर पर कोटा दक्षिण के विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि वह इस दिशा में चल रही गलत कार्रवाई को रोकने के लिए प्रयास करेंगे। इस तरह के नोटिस जारी करने के पीछे अधिकारियों की क्या मंशा है, उसको रोकने के लिए ठोस कदम उठाएंगे। इस अवसर पर दिए एसोसियेशन के सचिव अक्षय सिंह, केपी सिंह, भगवान बिरला, आशीष बिरला, चंबल हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा, सचिव सबरजीत सिंह, सुरेश बिरला एवं रमेश बिरला सहित कई व्यापारी एवं उद्यमी मौजूद थे ।