देश के एक और बैंक का निजीकरण होगा, मई में शुरू होगी बिक्री की प्रक्रिया

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नई दिल्ली। सरकार जल्द से जल्द एक सरकारी बैंक का प्राइवेटाइजेशन करना चाह रही है। खबर है कि आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में सरकार अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है। इसके लिए मई में रुचि पत्र (EoIs) मंगवाने की योजना बन रही है। इससे पहले, सरकार की योजना अप्रैल में आईडीबीआई बैंक के निजीकरण के लिए ईओआई आमंत्रित करने की थी। आज बुधवार को इस बैंक का शेयर 9 पर्सेंट तक उछल कर 49.10 रुपये पर पहुंच गया था।

इस प्रक्रिया को चालू वित्त वर्ष 2022-23 में पूरी की जा सकती है। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा है कि आईडीबीआई बैंक के विनिवेश के लिए रोड शो अभी खत्म नहीं हुआ है। सरकार अब मई में ईओआई आमंत्रित करने की योजना बना रही है। दरअसल, LIC IPO और रूस-यूक्रेन संकट के बाद बाजार में आई उथल-पुथल के चलते देरी हो रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार वित्त वर्ष 23 में आईडीबीआई बैंक के निजीकरण को पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रही है और यह मौजूदा आरबीआई ढांचे के भीतर होगा। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों में कॉरपोरेट घरानों को बैंकों के बोलीदाताओं/प्रमोटरों के रूप में शामिल नहीं किया गया है। बता दें कि इस विनिवेश के जरिए सरकार अपनी पूरी 45.48 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है।

सरकार और एलआईसी के पास 94% हिस्सेदारी
आईडीबीआई बैंक की सरकार और एलआईसी के पास 94% से अधिक हिस्सेदारी है। इसमें एलआईसी के पास 49.24% हिस्सेदारी और सरकार की बैंक में 45.48% हिस्सेदारी है। सरकार निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रबंधन नियंत्रण के साथ-साथ बैंक में लगभग 26% हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर सकती है। इसके बाद सरकार बैंक की अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर सकती है।