‘दिल बेचारा’ थिअटर में रिलीज होती तो 2 हजार करोड़ की होती ओपनिंग

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मुंबई। सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से ही उनके फैन्स बहुत ही इमोशनल हो गए हैं। उनकी हालिया रिलीज आखिरी फिल्म ‘दिल बेचारा’ के डेटा से यह साबित होता है। यह फिल्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर ऑनलाइन रिलीज हुई है और एक इंडिपेंडेंट ट्रैंकिंग फर्म का कहना है कि यह फिल्म रिलीज होने के बाद 9 करोड़ 50 लाख लोगों ने केवल 24 घंटे के अंदर देखी है। अगर ऐसा है तो यह अब तक की सबसे बड़ी ओपनिंग होती।

‘गेम ऑफ थ्रोन्स’ से ज्यादा देखी गई दिल बेचारा!मिड डे की एक रिपोर्ट की मानें तो ओरमैक्स मीडिया का कहना है कि सुशांत की आखिरी फिल्म ‘दिल बेचारा’ को मशहूर वेब सीरीज ‘गेम ऑफ थ्रोन्स’ से ज्यादा देखा गया है। यह हाल तब है जबकि ‘गेम ऑफ थ्रोन्स’ का पहले से पहले से फैन बेस था जबकि ‘दिल बेचारा’ को किसी तरह प्रमोट नहीं किया गया था। इतने बड़े आंकड़े के बाद यह कहा जा सकता है कि सुशांत के फैन्स इसे एक साथ देखने का फैसला किया होगा।

जब मिली सुशांत की मौत की खबर
संजना बताती हैं, मुझसे कई लोग इस बारे में पूछ चुके हैं। मैं बहुत हिम्मत करके उनके बारे में बात कर पा रही हूं। मैं उस दिन को भयानक संडे मानती हूं। मेरे फोन पर 1 मिनट में सैकड़ों कॉल आ रहे थे। मैं उस दिन को याद भी नहीं करना चाहती। मेरे जीवन की सबसे खराब दोपहर थी।

मैं 23 साल की हूं और आज तक किसी करीबी की मौत फेस नहीं की। वह मेरे पहले दोस्त थे जिन्हें मैंने खोया है। यह दुनिया की सबसे खराब चीज है। उन्होंने बताया कि सुशांत ने उनको कभी ऐसे ट्रीट नहीं किया कि वह सीनियर हैं।

संजना ने बताया कि सुशांत सेट्स पर बहुत मजा करते थे। उन्होंने बताया कि वह सुशांत के साथ बहुत कॉम्पैटिबल थीं। सुशांत स्पॉटबॉय को वैनिटी वैन में भेज देते थे कि ‘देख कर आ क्या कर रही है।’ अगर संजना सीन की बहुत तैयारी कर रही होती थीं तो वह उनकी फेवरिट कॉफी भेज देते थे। कभी उनकी फेवरिट किताब भेज देते थे। संजना बताती हैं कि आखिर तक उन्होंने रास्ता निकाल लिया था और वह वैन लॉक करने लगी थीं। उन्होंने बताया कि सब बिल्कुल परिवार की तरह थे।

संजना ने बताया कि शूटिंग के वक्त होटल के टेरिस पर टेलिस्कोप होता था। अगर नाइट शूट नहीं होता था तो सुशांत उन्हें फोन करके बुला लेते थे कि ‘तारे निकल आए हैं आजा’। संजना बताती हैं कि उन्हें गैलेक्सीज में इंट्रेस्ट नहीं , लेकिन तारों को चमकते देखकर सुशांत की आंखें चमकती थीं, वो देखना अच्छा लगता था।

संजना बताती हैं कि अब वह चीजों को देखती हैं तो सब बहुत अजीब लगा है। फिल्म का गाना तारे गिन, मजा है या सजा है ये… इसका मतलब बिल्कुल बदल गया है। उन्होंने कहा कि वह अमिताभ भट्टाचार्य से भी बोलती हैं कि कितनी विडंबना है कि रील लाइफ और रियल लाइफ में कैसे सिमिलैरिटीज आ गईं। यह बहुत अजीब है।

संजना बताती हैं कि अब वह चीजें याद करती हैं तो बहुत अजीब लगता है। वह बताती हैं कि शूटिंग के वक्त अजीब चीजें भी हुईं। उन्होंने बताया, मैं जब भी कोई इमोशनल (हेवी) सीन करते थे तो तबीयत खराब लगने लगती थी। मुझे अपने ऐक्टर दोस्तों से भी पूछना है कि उनके साथ ऐसा होता है या नहीं पर मुझे पता है सुशांत के साथ भी हो रहा था। सीन के वक्त कभी बुखार, कभी जुकाम तो कभी नाक बहना ये सब होता था और सीन के बाद एकदम ठीक हो जाता था।

संजना बताती हैं, जब पैरिस में सेमेट्री (कब्रिस्तान) में शूटिंग कर रही थीं बहुत अहम इमोशनल सीन था। सुशांत का क्लोजअप था। मेरा क्लोजअप हो चुका था। जनवरी की ठंड थी। अचानक से सुशांत इशारा करने लगे। मैं समझ नहीं पाईं कि वह क्या कह रहे हैं। उन्होंने अपना टफ परफॉर्मेंस बीच में ही छोड़ दिया और सीन कट करवाया। उस वक्त संजना की नाक से खून बह रहा था और उन्हें पता भी नहीं चला।

सुशांत ने संजना को रूमाल दिया। बर्फ मंगवाई गई और वह बहुत परेशान हो गए थे। संजना अब ये सारी बातें याद करती हैं तो उन्हें बहुत अजीब लगता है। उन्होंने यह भी कहा कि वह मुकेश छाबड़ा से मिलकर ये सारी फीलिंग्स शेयर करना चाहती हैं।https://www.facebook.com/watch/?v=371374647161070NBT Entertainment अब Telegram पर भी। हमें जॉइन करने के लिए यहां क्‍ल‍िक करें और मोबाइल पर पाएं हर जरूरी अपडेट।

…तो इतनी होती कमाई
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर यह फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज होती तो अगर औसतन 100 रुपये की भी टिकट मानी जाए तो इसका बिजनस की ओपनिंग डे पर 950 करोड़ रुपये का होता। रिपोर्ट में बताया गया है कि पीवीआर सिनेमा का एवरेज टिकट रेट 207 रुपये है। अगर इस हिसाब से देखा जाए तो बॉक्स ऑफिस पर ‘दिल बेचारा’ का ओपनिंग डे 2 हजार करोड़ रुपये के आसपास का होता।

दर्शकों के लिए फ्री थी ‘दिल बेचारा’
बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म ‘दिल बेचारा’ ऑनलाइन रिलीज की गई है और यह नॉन सब्सक्राइबर के लिए भी फ्री है यानी इसे हर कोई इसे मुफ्त में ऑनलाइन देख सकता है। फिल्म में संजना सांघी ने सुशांत के ऑपोजिट डेब्यू किया है और डायरेक्टर के तौर पर मुकेश छाबड़ा की यह पहली फिल्म है।