क्या आप भी हैं डायबीटीज के मरीज, आयुर्वेद में है इसका रामबाण इलाज

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आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लाइफस्टाइल और खानपान में आए बदलावों के चलते डायबीटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। भारत दुनिया का डायबीटीज कैपिटल बनता जा रहा है। हालांकि, कई बार लोगों को पता भी नहीं चलता और वह डायबीटीज के मरीज बन जाते हैं क्योंकि वे शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं। आयुर्वेद में डायबीटीज का इलाज है। इस बारे में बता रहे हैं आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. सुधींद्र शृंगी …

डायबीटीज के लक्षण
बार-बार पेशाब आना, खासकर रात के वक्त- पेशाब करने के बाद पेशाब में चीटियां जमा हो जाना- बहुत ज्यादा प्यास लगना और मुंह में चिपचिपापन रहना- पसीने में बदबू ज्यादा होना- फोड़े-फुंसियां ज्यादा होना- घाव का जल्दी न भरना। आयुर्वेद के अनुसार, वैसे लोग जो मुंह के सुख के लिए खाना खाते हैं यानी उल्टी-सीधी चीजों का सेवन करते हैं, आलस से भरी जिंदगी जीते हैं, नया अनाज ज्यादा खाते हैं, दही का ज्यादा सेवन करते हैं और मीठी चीजें ज्यादा खाते हैं, वे डायबीटीज का शिकार हो सकते हैं।

आयुर्वेद में 2 तरह का डायबीटीज
सहज प्रमेह: यह जन्मजात या वंशानुगत होता है। यह टाइप-1 डायबीटीज जैसा ही है।अपत्थजनक प्रमेह: यह गलत जीवनशैली से होता है। इसे टाइप-2 डायबीटीज जैसा मान सकते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार डायबीटीज में क्या खाएं
सब्जियों में करेला, पालक, लौकी, सहजन, कड़ी पत्ता, खीरा, परवल, मेथी, चने का साग, नींबू, टमाटर आदि खाएं।- फलों में संतरा, आंवला, मौसमी, सिंघाड़ा, पपीता, जामुन आदि खाएं। ध्यान रखें कि जामुन के बजाय जामुन की गुठली ज्यादा फायदेमंद है। गुठली को सुखाने के बाद पीसकर पाउडर बना लें, फिर खाएं।- जौ और चने के आटे से फायदा होता है। गेहूं, सोयाबीन आदि का मिक्स आटा भी अच्छा है। जितना हो सके, पुराना अनाज खाएं।- मूंग, चना, कुल्थी की दालें अच्छी हैं।- खाने में सरसों का तेल इस्तेमाल करें।

डायबीटीज में क्या न खाएं
गरिष्ठ चीजें: रेड मीट, अंडे का पीला हिस्सा, अरबी, उड़द दाल न खाएं- मीठी चीजें: चीनी, गुड़, मिठाई, चॉकलेट, आइसक्रीम के अलावा मीठे फल केला, चीकू, आम, अंगूर आदि न खाएं- चिकनी चीजें: घी-तेल, मक्खन, क्रीम, खोया आदि।- डायबीटीज के मरीज जूस बिलकुल न पिएं, फिर चाहे पैक्ड हो या ताजा। ताजे फल खाना ज्यादा फायदेमंद है।

ये चीजें भी हैं फायदेमंद
रोजाना रात में सोने से पहले करीब आधा छोटा चम्मच त्रिफला चूर्ण लें।- रोजाना दूध में एक छोटा चम्मच हल्दी मिलाकर लेना काफी फायदेमंद है।- मेथी के बीज भिगोकर या पीसकर लें। मेथी के पत्ते पेट के लिए ज्यादा अच्छे हैं जबकि बीज डायबीटीज के लिए।- गुड़मार (मेषशृंगी) की कुछ पत्तियां रोजाना चबाएं या पानी में उबालकर उस पानी को पी लें।- विजयसार की लकड़ी का चूर्ण बनाकर इस्तेमाल करें या इसके कुछ टुकड़े रात में पानी में डाल दें, सुबह उठकर यह पानी पिएं।- देसी अश्वगंधा या डोडा पनीर को रात भर पानी में भिगो रखें और सुबह इस पानी को पी लें।

डायबीटीज में फायदेमंद आसन और प्राणायाम
पवनमुक्तासन, पश्चिमोत्तानासन, शलभासन, धनुरासन, मयूरासन- प्राणायाम: भ्रामरी और भस्रिका प्राणायाम डायबीटीज के लिए ज्यादा फायदेमंद है।- भ्रामरी प्राणायाम: दोनों हाथों को चेहरे पर लाएं। दोनों अंगूठों से कान बंद करें और तर्जनी उंगली आंखों के ऊपर रखें। मध्यमा नाक के पास, अनामिका होंठ के ऊपर और सबसे छोटी उंगली होंठ के नीचे। अब नाक से गहरी और लंबी सांस लें और भंवरे की गुंजन-सी आवाज गले से निकालते हुए धीरे-धीरे सांस बाहर निकालें। इसे 5 राउंड कर लें। भस्रिका प्राणायाम: सुखासन में बैठ जाएं। लंबी सांस भरें और फिर झटके से सांस बाहर निकालें। इस दौरान पेट अंदर की तरफ जाएगा। 3 बार कर लें।