कोटा में कोचिंग छात्रों के आत्महत्या का मामला विधानसभा में गूंजा

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जयपुर। भाजपा विधायक और प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने विधानसभा में छात्रों की आत्महत्या का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि कोटा की कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे विद्यार्थियों द्वारा आत्महत्या करने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसे रोकने और विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाने के लिए सरकार गंभीरता से प्रयास करे। उन्होंने कहा कि राजस्थान के नौजवानों के लिये यह मुद्दा गंभीर है।

भाजपा अध्यक्ष पूनिया ने कहा, कोटा इस समय कोचिंग और एजुकेशन का हब है, लेकिन पिछले चार साल में हुई आत्महत्याओं के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। सिर्फ इस साल के आंकड़े देखेंगे तो ये पूरे राजस्थान के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि 10 हजार युवाओं ने आत्महत्या की हैं, जिसमें 2,442 विद्यार्थी हैं। कोटा संभाग में 55 बच्चों ने आत्महत्या की है और 2022 में 16 बच्चों ने आत्महत्याएं की हैं।

पूनिया ने कहा कि कोटा की कोचिंग संस्थानों में देशभर से बच्चे पढ़ने आते हैं। लेकिन, जिस तरह से यहां लगातार आत्महत्याओं के मामले सामने आ रहे हैं सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। इस तरह से बच्चों को उनके हाल पर नहीं छोड़ा जा सकता है।

पूनिया ने मांग करते हुए कहा कि सरकार विद्यार्थियों के लिये एक अच्छी काउंसलिंग की व्यवस्था करे, जिससे उन्हें तनाव से बचाया जा सके। एक दार्शनिक ने कहा है कि चिंतित मनुष्य अपने जीवन का महत्व खो देता है। युवा इस प्रदेश का नागरिक है और भविष्य है। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत सरकार को कोई न कोई नीति अपनाकर इन नौजवानों के भविष्य को बर्बाद होने से रोकने के लिए गंभीरता से विचार करना चाहिए।