कंपनियों के तिमाही नतीजों और एपीआई की गतिविधियों से तय होगी बाजार की दिशा

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नयी दिल्ली। कंपनियों के तिमाही नतीजों, वैश्विक संकेतों और विदेशी फंड निवेशकों की गतिविधियों से आने वाले सप्ताह में इक्विटी बाजार की दिशा तय होने की संभावना है। विश्लेषकों ने यह अनुमान जताया है। इस हफ्ते मंगलवार को गुरु नानक जयंती के अवसर पर अवकाश होने से कारोबारी सप्ताह छोटा होगा।

स्वास्तिका इंवेस्टमेंट लिमिटेड के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा, “घरेलू मोर्चे पर बाजार बीपीसीएल, कोल इंडिया, टाटा मोटर्स, आयशर मोटर्स, हिंडाल्को और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कंपनियों के तिमाही नतीजों पर अपनी प्रतिक्रिया देगा।”

उन्होंने कहा कि कंपनी नतीजों के अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का प्रवाह भी बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा रहा है। एफआईआई की दिलचस्पी एक बार फिर से भारतीय बाजार को लेकर पैदा हुई है।

करीब दो महीनों तक भारतीय बाजार से निकासी करने वाले विदेशी निवेशकों ने नवंबर के पहले हफ्ते में जोरदार वापसी की है। इस दौरान विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों में 15,280 करोड़ रुपये की लिवाली की है। अमेरिका में ब्याज दरों में वृद्धि के सख्त रुख में थोड़ी नरमी आने की उम्मीद में विदेशी निवेशक खरीदार बने हुए हैं।

जहां तक कंपनी नतीजों का सवाल है तो देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने अब तक का सर्वाधिक तिमाही लाभ अर्जित किया है। भारतीय स्टेट बैंक ने शनिवार को कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में उसका एकल आधार पर शुद्ध लाभ 74 प्रतिशत बढ़कर 13,265 करोड़ रुपये हो गया।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के शोध उपाध्यक्ष अजीत मिश्रा ने कहा, “इस हफ्ते में कारोबारी गतिविधियां चार दिन ही रहेंगी। इस दौरान तिमाही नतीजों के अलावा औद्योगिक उत्पादन सूचकांक जैसे वृहद-आर्थिक आंकड़े भी आने वाले हैं। इसके साथ ही विदेशी पूंजी के रुख और वैश्विक बाजारों के प्रदर्शन से भी घरेलू बाजार की दिशा तय होगी।”

पिछले हफ्ते सेंसेक्स में 990.51 अंक यानी 1.65 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई जबकि निफ्टी 330.35 अंक यानी 1.85 प्रतिशत बढ़ा। एम्के वेल्थ मैनेजमेंट के शोध प्रमुख जोसफ थॉमस ने कहा कि बाजारों में एक तरह की स्थिरता का भाव होने के बावजूद विदेशी घटनाक्रम आने वाले समय में कारोबार की दिशा प्रभावित करते रहेंगे।