औद्योगिक संगठनों ने किया केंद्रीय बजट एवं राज्य सरकार के आगामी बजट पर चिंतन

889

कोटा। कोटा व्यापार महासंघ के तत्वावधान में 18 औद्योगिक संगठनों ने केन्द्र सरकार के बजट 2020-21 और राजस्थान सरकार के 22 फरवरी 2020 को आने वाले बजट पर विचार विमर्श किया। इस अवसर पर महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने बताया कि बजट में विवाद में विश्वास योजना का जो ऐलान किया गया है, उससे टैक्सपेयर्स को ब्याज एवं पेनेल्टी में छूटकारा मिल जायेगा। बशर्तें वह अपना बकाया पूरा टैक्स जमा करा दें। इस योजना के तहत कोई भी डिफाल्टर 31 मार्च 2020 तक बिना पेनेल्टी के आयकर चुका कर विवाद को खत्म कर सकता है।

हाड़ौती कोटा स्टोन इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के संस्थापक राजेश गुप्ता, संरक्षक छूट्टन लाल शर्मा एवं निर्वाचित अध्यक्ष महावीर जैन ने बताया कि आयकर के प्रावधानों में किये गये बदलाव सिर्फ आंकड़ो का फेरबदल है।

लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष अमित सिंघल एवं दी एसएसआई एसोसिएशन के निर्वाचित अध्यक्ष मुकेश गुप्ता ने कहा कि विवाद में विश्वास योजना का जो बजट में ऐलान किया गया है, उसका सभी उद्यमियों को लाभ उठाना चाहिए, जिससे उनके लम्बित पड़े हुए मामलों का इस स्कीम के माध्यम से फायदा मिल सकें। कोटा स्टोन ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बीके गुप्ता एवं सचिव हरिश प्रजापति ने कहा कि बजट में आर्थिक मंदी से उभारने का कोई प्रावधान एवं योजना इसमें नही दी गई है। एक मात्र उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए आयात शुल्क में बढ़ोतरी की गई है। उद्योगों में भी रियायत दिया जाना चाहिए था।

खादी ग्रामोद्योग संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार एवं सचिव पदम जैन एवं जनरल इण्डस्ट्रीज सप्लायर्स संघ के सचिव भगवान न्याती ने कहा कि विदेशों की तर्ज पर हमारे देश में भी उद्योगों पर राहत दी जानी चाहिए। सरकार को देश में भी उद्यमियों को ऐसा राहत का पैकेज देवें, जिससे यहां का उद्योग भी विकसित हो सकें।

सेण्ड स्टोन मार्बल्स एण्ड ग्रेनाईट उद्योग संघ के अध्यक्ष देवेन्द्र कुमार एवं कोटा ट्रैक्टर डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल मूंदड़ा ने कहा कि बजट में GST दरों में कोई बदलाव नही किया गया है।मिसमेच एवं रिवाईज GST रिटर्न की मांग भी उद्यमियों द्वारा उठाई गई थी, उस पर कोई घोषणा नही की गई है।

कोटा ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर संघ के अध्यक्ष मनीष बंसल एवं स्टोन एक्सपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष महेन्द्र चौधरी ने बताया कि GST के नये प्रावधानों के तहत एक करोड़ से पाँच करोड़ तक की ऑडिट किया जाना स्वागत है, लेकिन उसमें जो शर्तें लगाई गई है, वह न्यायसंगत नहीं है।
स्टोन माईन्स काॅन्ट्रेक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन सुद एवं रबड़ उत्पादन संघ के अध्यक्ष संजय सिंह लुथरा ने कहा कि जी.एस.टी. के कारोबारियों को 1 अप्रैल 2020 से इलेक्ट्राॅनिक बिल देना अनिवार्य कर दिया है, जिससे गांव एवं कस्बों में छोटे-छोटे व्यापारियों के सामने भारी समस्या होगी।

केमिकल मेन्युफेक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव मित्तल एवं सचिव अमित गोयल एवं कलर एण्ड पैकिंग प्रोडक्ट एसोसिएशन के सचिव सौरव गुप्ता ने कहा कि बजट में वेस्ट मेटिरियल जैसे – कोटा स्टोन के टूकड़े स्लेरी, वेस्ट कचरे से बनने वाले उत्पाद को जीएसटी से मुक्त किया जाना चाहिए था। बैठक में बताया गया कि राज्य में 50 प्रतिशत खनन उद्योग हैं। इस उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए इस नीति में स्टोन खनन व्यवसाय को नो टन लदान से मुक्ति दी जायें।