नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को डिजिटल पेमेंट यूजर्स के लिए बड़ी राहत दी है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया कि UPI ट्रांजैक्शंस पर कोई चार्ज लगाने का प्रस्ताव फिलहाल नहीं है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा नीति के तहत UPI पूरी तरह मुफ्त रहेगा। सरकार और RBI दोनों का मकसद है कि डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया जाए और देशभर में इसकी पहुंच और आसान बनाई जाए। यह बयान ऐसे समय आया है जब UPI लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है और भारत दुनिया का सबसे बड़ा रियल-टाइम पेमेंट्स मार्केट बन चुका है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को कहा कि यूपीआई लेनदेन पर शुल्क लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। यूपीआई लेनदेन पर शुल्क लगाने का प्रस्ताव होने के सवाल पर मल्होत्रा ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यूपीआई लेनदेन में काफी वृद्धि हो गई है।
उन्होंने मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ क्या यूपीआई पर शुल्क लगेगा? हमारे समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।’’ यह ऐलान ऐसे वक्त हुआ है जब UPI लगातार रिकॉर्ड स्तर छू रहा है और भारत दुनिया का सबसे बड़ा रीयल-टाइम पेमेंट्स मार्केट बन चुका है। हालांकि, इस बीच UPI के जीरो-कॉस्ट मॉडल की स्थिरता को लेकर बाजार में अटकलें भी तेज हो गई थीं।
UPI सब्सिडी में 78% की बड़ी कटौती
बता दें कि हाल ही में सरकार ने बजट में UPI सब्सिडी में 78% की बड़ी कटौती की है। वित्त वर्ष 2026 के लिए सब्सिडी घटाकर केवल ₹437 करोड़ कर दी गई है, जबकि यह FY25 में ₹2,000 करोड़ और FY24 में ₹3,631 करोड़ थी। हालांकि, मल्होत्रा ने यह साफ किया कि सरकार और RBI दोनों का लक्ष्य है कि UPI को एक ज़ीरो-कॉस्ट प्लेटफॉर्म बनाए रखा जाए, ताकि डिजिटल पेमेंट्स को और ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके।

