चारा घोटाला: चौथे मामले में लालू प्रसाद यादव दोषी करार, जगन्नाथ मिश्रा बरी

649

रांची। झारखंड की रांची सेंट्रल जेल में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के चौथे मामले में दोषी करार दिया गया है। दुमका कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े इस मामले में रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार को फैसला सुनाया। इस तरह अब तक चारा घोटाले के 6 में से 4 केस में लालू दोषी करार दिए जा चुके हैं।

दुमका कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को बरी कर दिया गया है। उनके साथ महेंद्र सिंह बेदी, अधीप चंद, ध्रुव भगत और आनंद कुमार भी बरी कर दिए गए हैं। मामले में लालू की सजा पर बहस 21, 22 और 23 मार्च को होगी।

‘अजब है नरेंद्र मोदी और नीतीश का मेल…’
लालू को दोषी करार दिए जाने के बाद आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘अजब है नरेंद्र मोदी और नीतीश का मेल, अजब है खेल, दोबारा से हो गया जगन्नाथ मिश्रा रिहा और लालू यादव को जेल। एक आदमी को जेल, एक आदमी को बेल, ये है नरेंद्र मोदी का खेल।’

दरअसल, लालू यादव इन दिनों बीमार चल रहे थे और उन्हें रांची इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में भर्ती कराया गया था। वह पिछले तीन दिनों से हॉस्पिटल में भर्ती थे। फैसले के वक्त लालू कोर्ट में मौजूद थे। इससे पहले शनिवार को ही चारा घोटाले के चौथे मामले में फैसला आने वाला था, जिसे टाल दिया गया था।

रविवार को लालू यादव से मिलने उनके बड़े बेटे तेज प्रताप और छोटे बेटे तेजस्वी यादव पहुंचे थे। रिम्स के डॉक्टरों के मुताबिक लालू यादव को पेरिएनल एब्सिस की बीमारी है। उनके मलद्वार में जख्म हो गया है। उन्हें डायबीटीज और हाइपर टेंशन भी है। उन्हें डॉक्टरों ने खिचड़ी, रोटी, हरी सब्जी, दाल और दही लेने की सलाह दी है।

यह है मामला
बता दें, यह मामला दुमका कोषागार से अवैध निकासी से जुड़ा है। दुमका कोषागार से करीब 3.76 करोड़ रुपये की अवैध निकासी को लेकर सीबीआई ने 1996 में एफआईआर दर्ज की थी। राशि की निकासी 1995 से 1996 के बीच हुई थी। मामले की जांच के बाद सीबीआई ने 11 अप्रैल 1996 को रिपोर्ट दर्ज की थी। चारा घोटाले में लालू प्रसाद के खिलाफ पांच मुकदमे सीबीआई ने दर्ज किए हैं।

देवघर ट्रेजरी मामले में साढ़े तीन साल की हुई थी सजा
इसे पहले फरवरी के अंतिम हफ्ते में घोटाले के पहले मामले देवघर ट्रेजरी से अवैध निकासी पर लालू की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में दायर एक याचिका को खारिज कर दिया गया था। इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने आरजेडी सुप्रीमो को साढ़े तीन साल की जेल और 5 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। सजा के बाद लालू के पास हाई कोर्ट से जमानत लेने का विकल्प था, जिसके आधार पर लालू ने झारखंड हाई कोर्ट में अर्जी दायर की थी।

चारा घोटाले के तीसरे मामले में भी लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्रा को चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा कोषागार गबन मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार देते हुए पांच-पांच साल जेल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने लालू यादव पर 10 लाख और जगन्नाथ मिश्रा पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।