GST कानून में होगा व्यापक बदलाव, 1 अक्तूबर से TDS भी

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पटना। केंद्र सरकार जीएसटी के तहत एक अक्तूबर से वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर टीडीएस लागू करने की तैयारी कर रही है। जीएसटी से जुड़े मुद्दों को लेकर गठित मंत्रिसमूह ने बैठक में टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लागू करने की सिफारिश की।

मंत्रिसमूह के अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को बेंगलुरु में हुई बैठक के बाद ये जानकारी दी। मोदी ने कहा कि प्रथम चरण में टीडीएस व्यवस्था बड़े निर्माण विभागों मसलन सड़क और सिंचाई परियोजनाओं से जुड़े बड़े ठेकेदारों पर लागू की जाएगी।

कई श्रेणियों में लगता है टीडीएस
जीएसटी के तहत केंद्र, राज्य और एकीकृत कर लगता है। इसके अलावा जीएसटी कानून के तहत कई श्रेणियों के पंजीकृत कारोबारियों या एजेंसियों को सामान या सेवा की आपूर्ति करने वालों को किए गए भुगतान पर टीडीएस काटना होता है और इस कर को सरकार के पास जमा कराना होता है। कई कारणों से टीडीएस को 30 सितंबर तक टाला था।

इस टैक्स से कारोबारियों को नुकसान नहीं
टीडीएस काटने से सामान या सेवा की आपूर्ति करने वाले को नुकसान नहीं होगा। रिटर्न फाइल करने के साथ वह इनपुट टैक्स क्रेडिट यानी कर रिफंड का दावा कर सकता है या इससे किसी अन्य कर का भुगतान कर सकता है।

  • इनको टीडीएस वसूलने काअधिकार
  • केंद्र या राज्य के अधीन विभाग
  • स्थानीय निकाय, सरकारी एजेंसियां या उपक्रम
  • कुछ पंजीकृत कारोबारी या पेशेवर समूह

    नियम एवं शर्तें

  • टीडीएस काटने का महीना खत्म होने के दस दिन में टीडीएस सरकार को देना होगा
  • आपूर्तिकर्ता और आपूर्ति की जगह सामान प्राप्तकर्ता की जगह से अलग है तो टीडीएस नहीं

तकनीक से पकड़े जाएंगे कर चोर
सुशील मोदी ने कहा कि कर चोरों को पकड़ने के लिए तकनीक की मदद ली जा रही है। इन्फोसिस इसके सॉफ्टवेयर तैयार कर रहा है। जीएसटीआर 3 बी व जीएसटीआर 1 दाखिल किए जाने के दौरान बड़ी संख्या में कर चोरी करने वालों की पहचान हुई है।

ई-वे बिल में निगरानी के लिए चिप
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र की तरह पूरे देश में ई-वे बिल के तहत निगरानी के लिए मालवाहक वाहनों में इलेक्ट्रॉनिक चिप लगेगी। राज्यों की सीमा पर सेंसरयुक्त कैमरा होगा, इससे पता चल जाएगा कि ई-वे बिल के साथ माल का परिवहन किया जा रहा है या नहीं।

कंपोजीशन स्कीम का दायरा बढ़ेगा
छोटे कारोबारियों के हित में कंपोजीशन स्कीम के तहत टर्नओवर की सीमा एक करोड़ से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये हो सकती है। इससे उन्हें कम कर चुकाना होगा।

37 की जगह 13 रिटर्न ही दाखिल करने होंगे
बिहार के उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले जहां साल में 37 रिटर्न दाखिल करने होते थे, वहीं अब औसतन मासिक एक और साल में मात्र 13 रिटर्न ही दाखिल करने होंगे। 80 प्रतिशत डीलर जो सीधे उपभोक्ताओं को माल बेचते हैं, वे अब मात्र तीन पंक्ति का रिटर्न दाखिल कर सकेंगे।