नई दिल्ली। देश में खाद्य पदार्थ की महंगाई को नियंत्रण में रखने की कोशिश के तहत सरकार ने मूंग को छोड़कर बाकी सभी दालों पर स्टॉक लिमिट लगाने का एलान किया था। विशेषज्ञों को हालांकि दलहन बाजार के हालात को देखते हुए स्टॉक लिमिट लगाने का यह फैसला सही नहीं लग रहा था क्योंकि दालों की कीमतों में बाकी खाने-पीने की चीजों जैसी तेजी नहीं देखने को मिल रही है, ज्यादातर दालें MSP के करीब हैं।
दालों की स्टॉक सीमा तय किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले को लेकर विरोध तेज करते हुए कारोबारियों ने कृषि उपज मंडियों में दाल की खरीद-फरोख्त रोकने और फैसले का विरोध करने का एलान किया था। अब सरकार ने दाल के थोक कारोबारी, मिल और आयातक को राहत देने का एलान किया है। दाल का आयात करने वाले कारोबारियों को स्टॉक लिमिट के दायरे से मुक्त रखा गया है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट के जरिये यह जानकारी दी है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर लिखा, “दाल तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर नियंत्रण के प्रयासों के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा इन पर लगाई गयी स्टॉक लिमिट में थोक विक्रेताओं, मिलों तथा आयातकों को रियायत दी गयी है।” केंद्र सरकार द्वारा दालों की स्टॉक लिमिट तय करने के बाद कारोबारियों में इस बात को लेकर काफी गुस्सा था। उन्हें लग रहा था कि सरकार उन पर अनावश्यक दबाव बना रही है। केंद्र सरकार के साथ एक मैराथन मीटिंग के बाद यह फैसला लिया गया है।
केंद्र सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक अब दाल के थोक कारोबारियों के लिए स्टॉक लिमिट 500 मीट्रिक टन होगी। इसमें दाल की किसी एक वैरायटी की लिमिट 200 मीट्रिक टन रखी गई है। खुदरा विक्रेताओं के लिए स्टॉक लिमिट 5 मेट्रिक टन होगी। दाल मिल के लिए स्टॉक लिमिट 6 महीने के प्रोडक्शन या सालाना कैपेसिटी का 50 फ़ीसदी तक हो सकती है। केंद्र सरकार का यह फैसला खरीफ फसलों की बुआई से ठीक पहले किसानों को आश्वस्त करने के हिसाब से भी लिया गया है।
आयात का हुआ था फैसला
महंगी होती अरहर (तुअर) दाल की कीमतें नियंत्रित करने के लिए सरकार नए सिरे से जुट गई है। इसी क्रम में दक्षिण पूर्वी अफ्रीकी देश (East African Nation) मालावी (Malawi) से हर साल 50 हजार टन अरहर दाल आयात किया जाएगा। यह व्यवस्था अगले पांच साल के लिए हुई है। ऐसा हो जाने पर घरेलू बाजार (Domestic Market) में अरहर की दाल की कीमतें नियंत्रित होने का अनुमान है।
स्टॉक लिमिट की घोषणा
सरकार दवारा दालों पर लगाई गई स्टॉक लिमिट तत्काल प्रभाव से 31 अक्टूबर तक जारी रहेगी। रिटेलर्स के लिए 5 टन की स्टॉक लिमिट है तो वहीं होलसेलर के लिए 200 टन की स्टॉक लिमिट लगाई गई है। एक ही किस्म की दाल के लिए 100 टन की लिमिट लगाई गई है जबकि इंपोर्टर्स के लिए भी 200 टन की स्टॉक लिमिट लगाई गई थी।