नयी दिल्ली। विदेशी बाजारों में तेजी के रुख और त्योहारी मांग निकलने से स्थानीय तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को सरसों, सोयाबीन, मूंगफली तेल-तिलहन और सीपीओ तेल सहित लगभग सभी खाद्य तेलों के भाव में सुधार दर्ज हुआ।
बाजार सूत्रों ने बताया कि मलेशिया एक्सचेंज में 0.2 प्रतिशत की तेजी रही जबकि शिकागो एक्सचेंज में भाव सामान्य बने रहे। विदेशी बाजारों में तेजी से स्थानीय तेल तिलहन कीमतों पर अनुकूल असर हुआ और कीमतों में सुधार हुआ।
सूत्रों ने बताया कि सरसों में किसी अन्य तेल की मिलावट पर रोक थी, वह आगे भी जारी रहेगी। उच्च न्यायालय ने 27 जुलाई तक सुनवाई टाल दी है। यह उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी हो सकती है क्योंकि उन्हें शुद्ध तेल मिलना जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लातूर में सोयाबीन बीज का भाव बढ़ाकर 8,300 रुपये क्विन्टल कर दिया गया है जबकि इंदौर के एनसीडीईएक्स के वायदा कारोबार में सोयाबीन के जुलाई अनुबंध का भाव ऊंचे में 8,462 रुपये क्विन्टल तक बोला गया।
उन्होंने कहा कि सरकार को खाद्य तेलों के आयात शुल्क को कम ज्यादा करने के बजाय तिलहन उत्पादन बढ़ाने पर जोर देना चाहिये जिससे इसके आयात के लिए विदेशी बाजारों पर निर्भरता को कम किया जा सके और विदेशी बाजारों में मनमानी घट बढ़ के चंगुल से बचा जा सके। उनकी राय में पामोलीन के आयात पर अंकुश लगना चाहिए नहीं तो घरेलू रिफायनिंग कंपनियों का चलना कठिन हो जाएगा।
मंडियों में सोयाबीन और सरसों की आवक कम है। लेकिन अचार बनाने वाली कंपनियों सहित प. बंगाल, उड़ीसा, बिहार, उत्तर प्रदेश जैसी जगहों पर कच्ची घानी तेल की मांग निरंतर बढ़ रही है। इसके अलावा त्यौहारों का मौसम के भी करीब होने से देशी तेलों की मांग बढ़ी है। उन्होंने कहा कि मार्च अप्रैल के मौसम में सरसों से रिफाइंड बनाने के कारण सरसों तेल की किल्लत पैदा हुई है।
बाजार के जानकारों का सुझाव है कि सहकारी संस्था हाफेड को अभी भी बाजार से सरसों की खरीद कर उसका स्टॉक बनाकर रखना चाहिये ताकि सोयाबीन के बीज की कमी जैसी दिक्कत आगे सरसों की खेती के लिए पैदा न हो। अगर बीजों का समुचित इंतजाम रहा तो किसान अगली फसल में सरसों की बुवाई बढ़ा सकते हैं और पैदावार दोगुनी हो सकती है। मौजूदा सत्र में सरसों के अच्छे दाम मिलने से किसान उत्साहित हैं। कोटा और आगरा में सरसों का भाव 7,900 रुपये से बढ़ाकर 8,000 रुपये क्विन्टल कर दिया है।
सूत्रों ने कहा कि मांग बढ़ने से बिनौला में सुधार आया वहीं स्थानीय खपत बढ़ने से मूंगफली तेल तिलहन कीमतों में सुधार देखने को मिला। मांग निकलने और विदेशों में खाद्य तेल कीमतों में सुधार की वजह से सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतें भी काफी मजबूत बंद हुईं। बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन – 7,645 – 7,695 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये। मूंगफली दाना – 5,895 – 6,040 रुपये। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,500 रुपये।मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,235 – 2,365 रुपये प्रति टिन।सरसों तेल दादरी- 15,100 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 2,465 -2,515 रुपये प्रति टिन। सरसों कच्ची घानी- 2,565 – 2,675 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 15,000 – 17,500 रुपये। सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,900 रुपये। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,750 रुपये।सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,450 रुपये। सीपीओ एक्स-कांडला- 11,200 रुपये। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,200 रुपये। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,100 रुपये। पामोलिन एक्स- कांडला- 12,000 (बिना जीएसटी के) सोयाबीन दाना 8,100 – 8,150, सोयाबीन लूज 7,995 – 8,095 रुपये मक्का खल (सरिस्का) 3,800 रुपये प्रति क्विंटल।