नई दिल्ली। अब रिटेल इन्वेस्टर सरकारी बॉन्ड्स (Government Bonds) में सीधे निवेश कर सकेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए एक डेडिकेटेड बॉन्ड खरीद विंडो को खोल दिया। इसका मकसद बैंकों और पूल किए गए संसाधनों जैसे म्यूचुअल फंड के प्रबंधकों से परे सरकारी डेट सिक्योरिटीज के स्वामित्व को लोकतांत्रिक बनाना है। आरबीआई की ओर से जारी बयान के मुताबिक, योजना के शुरू होने की तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी।
अब रिटेल इन्वेस्टर सरकारी बॉन्ड्स को आरबीआई के ‘रिटेल डायरेक्ट गिल्ट (RDG) अकाउंट’ के जरिए खरीद व बेच सकेंगे। आरबीआई के मुताबिक, रिटेल इन्वेस्टर्स (व्यक्तियों) के पास अब आरबीआई के साथ RDG अकाउंट खुलवाने और मेंटेन करने की सुविधा होगी।
कैसे खुलेगा खाता
RDG अकाउंट्स को इस स्कीम के लिए उपलब्ध कराए गए ऑनलाइन पोर्टल यानी RBI रिटेल डायरेक्ट ऑनलाइन पोर्टल के जरिए खोला जा सकेगा। ‘ऑनलाइन पोर्टल’ रजिस्टर्ड यूजर्स को सरकारी सिक्योरिटीज (Government Securities) के प्राइमरी इश्युएंस तक पहुंच और एनडीएस-ओएम तक पहुंच भी उपलब्ध कराएगा। RDG अकाउंट को सिंगल या जॉइंट में खोल सकते हैं।
नहीं लगेगी कोई फीस
RBI RDG अकाउंट को मेंटेन करने के लिए कोई फीस चार्ज नहीं करेगा। RDG अकाउंट का इस्तेमाल करके एक बचतकर्ता प्राइमरी मार्केट से खरीद कर सकता है, जिस पर अभी तक बॉन्ड हाउसेज या इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स का वर्चस्व है। हालांकि खुदरा भागीदारी से सॉवरेन बॉन्ड बाजार के परिदृश्य में भारी बदलाव नहीं आ सकता है। यह निवेश की सुरक्षा और सुनिश्चित रिटर्न की तलाश करने वाले बचतकर्ताओं के लिए एक नया निवेश विकल्प खोल सकता है।
पात्रता शर्तें
- रिटेल इन्वेस्टर का भारत में बचत खाता होना चाहिए।
- पैन होना चाहिए।
- केवाईसी के लिए कोई भी मान्य दस्तावेज होना चाहिए।
- वैलिड ईमेल आईडी और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर होना चाहिए।
- एक अनिवासी भारतीय भी पात्र है बशर्ते कि वह विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम का अनुपालन करता हो।
क्या होगा प्रॉसीजर
रजिस्ट्रेशन: निवेशक ऑनलाइन फॉर्म भरकर ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और फॉर्म को प्रमाणित करने व जमा करने के लिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर व ईमेल आईडी पर प्राप्त ओटीपी का उपयोग कर सकते हैं। सफल रजिस्ट्रेशन पर ‘रिटेल डायरेक्ट गिल्ट अकाउंट’ खोला जाएगा और ऑनलाइन पोर्टल तक पहुंचने के लिए एसएमएस/ई-मेल के माध्यम से विवरण दिया जाएगा। आरडीजी खाता प्राथमिक बाजार भागीदारी के साथ-साथ एनडीएस-ओएम पर द्वितीयक बाजार लेनदेन के लिए उपलब्ध होगा।
प्राइमरी मार्केट पार्टिसिपेशन
सिक्योरिटीज की भागीदारी और आवंटन सरकारी सिक्योरिटीज की प्राथमिक नीलामी में भाग लेने के लिए गैर-प्रतिस्पर्धी योजना और एसजीबी जारी करने के लिए प्रक्रियात्मक दिशानिर्देशों के अनुसार होगा। प्रति सिक्योरिटी केवल एक बोली की अनुमति है। बोली जमा करने पर देय कुल राशि प्रदर्शित की जाएगी। एग्रीगेटर/प्राप्तकर्ता कार्यालय को भुगतान नेट बैंकिंग/यूपीआई से किया जा सकता है। अगर कोई रिफंड है तो एग्रीगेटर द्वारा निर्दिष्ट समय-सीमा के अनुसार इसे निवेशक के बैंक खाते में जमा किया जाएगा। निवेशकों को आवंटित सिक्योरिटीज, सेटलमेंट के दिन उनके आरडीजी खाते में जमा करके जारी की जाएंगी।
सेकंडरी मार्केट ट्रांजेक्शन
रजिस्टर्ड निवेशक एनडीएस-ओएम (ऑड लॉट सेगमेंट/आरएफक्यू) के माध्यम से सरकारी सिक्योरिटीज को खरीदने या बेचने के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर सेकंडरी बाजार लेनदेन लिंक का उपयोग कर सकते हैं।
खरीद: ट्रेडिंग घंटे शुरू होने से पहले या दिन के दौरान, निवेशक को लिंक किए गए बैंक खाते से नेट-बैंकिंग/यूपीआई का उपयोग करके सीसीआईएल (क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ एनडीएस-ओएम) के नामित खाते में पैसा ट्रान्सफर करना चाहिए। वास्तविक ट्रान्सफर/सफलता संदेश के आधार पर, ‘बाई’ ऑर्डर देने के लिए एक फंडिंग सीमा (खरीद सीमा) दी जाएगी। ट्रेडिंग सत्र के अंत में, निवेशक के क्रेडिट में पड़े किसी भी अतिरिक्त फंड को वापस कर दिया जाएगा।
UPI सुविधा का उपयोग करते हुए, जिसके द्वारा लिंक किए गए बैंक खाते में धनराशि को ऑर्डर देते समय ब्लॉक किया जा सकता है, सेटलमेंट के दिन पैसे को इस खाते से डेबिट किया जाएगा। इसी प्रकार की सुविधा बैंकों के माध्यम से यथासमय उपलब्ध कराई जाएगी। खरीदी गई सिक्योरिटीज को सेटलपमेंट के दिन आरडीजी खाते में जमा किया जाएगा।
बिक्री: बिक्री के लिए पहचानी गईं सिक्योरिटीज को ट्रेड के सेटलमेंट तक ऑर्डर प्लेस करने के समय ब्लॉक कर दिया जाएगा। बिक्री लेनदेन से प्राप्त राशि को सेटलमेंट के दिन लिंक किए गए बैंक खाते में जमा किया जाएगा।