नई दिल्ली। भारत के प्रमुख डिजिटल फाइनेंशियल सर्विसेज प्लेटफॉर्म पेटीएम ने आकर्षक ऑफर्स और कैशबैक के साथ नये फीचर्स लाकर एलपीजी सिलेंडर बुकिंग के अनुभव को नया बनाने की घोषणा की है।
खास बात यह है कि यूजर्स अब IVR, मिस्ड कॉल या वॉट्सऐप के जरिये होने वाली बुकिंग के लिये पेटीएम से भुगतान कर सकते हैं। यह खास फीचर उन्हें किसी अन्य प्लेटफॉर्म या चैनल के माध्यम से सिलेंडर की बुकिंग करने के बाद भी कई घंटों तक पेटीएम द्वारा भुगतान करने में सक्षम बनाता है।
900 रुपये का सुनिश्चिक कैशबैक
कंपनी ने पेटीएम ऐप के माध्यम से एलपीजी सिलेंडर की बुकिंग करने वाले फर्स्ट टाइम यूजर्स के लिये 3 सिलेंडर बुकिंग्स पर 900 रुपये तक के निश्चित कैशबैक की घोषणा भी की है।
यूजर्स को पेटीएम पर बुक किये गये हर सिलेंडर पर निश्चित पेटीएम फर्स्ट पॉइंट्स भी मिलेंगे, जिन्हें उनके वैलेट बैलेंस और लोकप्रिय ब्रांड्स के डिस्काउंट वाउचर्स के रूप में रिडीम कराया जा सकता है।
यह ऑफर सभी 3 प्रमुख एलपीजी कंपनियों- इंडेन, एचपी गैस और भारतगैस की सिलेंडर बुकिंग पर लागू है। ग्राहकों के पास पेटीएम पोस्टपैड में एनरोल कर सिलेंडर बुकिंग के लिये बाद में भुगतान करने का विकल्प भी होगा। पेटीएम यूजर्स सिलेंडर की बुकिंग करने से पहले दाम देख सकते हैं और अपने इंडियनऑइल एक्स्ट्रारिवार्ड्स लॉयल्टी पॉइंट्स भी रिडीम करा सकते हैं।
डिलीवरी को ट्रैक कर सकेंगे यूजर
पेटीएम ऐप पर उपलब्ध इस इनोवेटिव फीचर में ग्राहकों के लिए अपने गैस सिलेंडर की डिलीवरी को ट्रैक करने और रिफिल्स के लिये ऑटोमेटेड इंटेलिजेंट रिमाइंडर्स पाने की सुविधा भी है। पेटीएम की इस आसान और साधारण बुकिंग प्रक्रिया ने एलपीजी सिलेंडर की बुकिंग को ज्यादा आसान प्रक्रिया बना दिया है। यूजर को केवल ‘Book Gas Cylinder’ टैब पर जाना है, गैस कंपनी चुननी है, मोबाइल नंबर/ एलपीजी आईडी/ कस्टमर नंबर एंटर करना है और फिर भुगतान करना है। सिलेंडर की डिलीवरी सबसे नजदीकी गैस एजेंसी द्वारा यूजर के पंजीकृत पते पर होती है।
पेटीएम के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारे लिये, एलपीजी सिलेंडर बुकिंग, यूटिलिटी कैटेगरीज में एक महत्वपूर्ण फोकस एरिया है। हम हमेशा अपनी सेवा में नयापन लाने में सफल होते हैं और यह नया बुकिंग फ्लो उसी दिशा में एक अन्य कदम है। हम अपने यूजर्स की जरूरतों को समझते हैं और हालिया फीचर्स हमारी प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी टीमों द्वारा किये गये गहन शोध के बाद इसी के अनुसार विकसित किये गये हैं।’